
नगर में भक्तों को दी जाने वाली सुविधा की जानकारी लेते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। – फोटो : amar ujala
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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के विराजमान होने के पूर्व यहां श्रीरामकृतु के भव्य लोकार्पण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह मेरे लिए प्रफुल्लित करने वाला क्षण है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस पवित्र स्थल पर नाम और नामी दोनों विराजमान हैं। रामचरित मानस में ‘कलियुग केवल नाम अधारा, सुमरि-सुमरि नर उतरहिं पारा’ यानी कलियुग में नाम का महत्व है। उसके बारे में भी कहा गया है कि जप से सौ गुना अधिक पुण्य नाम लिखने से मिलता है। यहां 28 करोड़ नाम रामकृुतु में संरक्षित किए गए हैं। इसमें निरंतर वृद्धि होती दिखाई देगी। इसका पुण्य अनंत काल तक हमें न केवल सन्मार्ग पर ले चलने, बल्कि जीवन के समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर करने की प्रेरणा प्रदान करेगा। श्रीरामकृतु में प्रभु का नाम है। लेखन के माध्यम से प्रभु के 28 करोड़ नाम को संरक्षित कर हम पुण्य के भागी बन सकते हैं। यह बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहीं। वे रविवार को अशर्फी भवन पीठ के अंतर्गत नवनिर्मित श्रीरामकृतु स्तंभ व श्रीरामलला भवन के लोकार्पण पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
देश से कोई भी श्रद्धालु आए तो अयोध्या में उन्हें सुविधा मिले
सीएम ने कहा कि जगद्गुरु रामानुजाचार्य पूज्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज को बधाई दूंगा कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के पूर्व अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उन्होंने भव्य धर्मशाला व अतिथिशाला का निर्माण कराया। हर आश्रम को ऐसा करना चाहिए। अभी से तैयारी हो जाए। देश से कोई भी श्रद्धालु आए तो उसे अयोध्या में सुविधा भी मिले। यहां रुककर प्रभु के नाम का स्मरण, जप या रहकर साधना करना चाहे तो उसे यहां सब कुछ सुलभ हो। सरकार यहां बुनियादी सुविधाओं के लिए बेहतरीन कार्य कर रही है।
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सूर्यवंश की राजधानी को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने में मिलेगी सफलता
सीएम ने कहा कि बिजली खर्च कम करने के लिए सौलर पैनल का उपयोग करना चाहिए। इसे लगाकर अपने यहां जितनी बिजली खर्च करेंगे, आपके कनेक्शन से उतनी कटौती हो जाएगी। सरप्लस ऊर्जा सरकार लेगी और उसका दाम देगी। आश्रमों व घरों के लिए नेट मीटरिंग तथा कार्मशियल स्थल पर नेट बिलिंग की व्यवस्था भी की है। समयबद्ध तरीके से सुविधाओं का लाभ ले लें। सूर्यवंश की राजधानी को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने में पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप कार्य को गति देने में सफलता प्राप्त होगी।
संतों व श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर चल रहे अनेक कार्यक्रम
सीएम ने कहा कि यहां सड़कों का निर्माण तेज गति से हो रहा है। रामपथ नए घाट से लेकर रामजन्मभूमि होते हुए लखनऊ मार्ग से टेढ़ी बाजार होते हुए फोरलेन की कनेक्टिविटी दी जा रही है। हनुमानगढ़ी के बगल से भक्तिपथ का निर्माण किया जा रहा है। सुग्रीव किला के बगल से भी फोरलेन की बेहतरीन कनेक्टिविटी उपलब्ध कराकर श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। आने वाले समय में अयोध्या दुनिया की सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित हो। यह प्रधानमंत्री की इच्छा है। उसके अनुरूप केंद्र व राज्य सरकार पंचकोसीय, 14 कोसीय व 84 कोसीय परिक्रमा को संतों व श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर अनेक कार्यक्रम चला रही है। सीएम ने कहा कि निर्माण कार्य के कारण अभी बेतरतीब लग रहा होगा, लेकिन एक वर्ष में अयोध्या का सुंदर स्वरूप हमें दिखेगा। रामकोटि व अतिथिशाला के निर्माण के लिए सीएम ने शुभकामनाएं दीं। इस दौरान दक्षिण भारत के संत त्रिदंडी जीयर स्वामी रामचंद्राचार्य जी महाराज, जगदगुरु रामानुचार्य पूज्य स्वामी श्रीधराचार्य जी महाराज, विधायक जनार्दन रेड्डी, जमुना रेड्डी, अयोध्या के विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, रुधौली के विधायक रामचंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अयोध्या पहुंचे और हनुमानगढ़ी में हाजिरी लगाई। इसके बाद राम जन्मभूमि परिसर पहुंचकर श्री रामलला की पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों की भौतिक प्रगति भी देखी। मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन राम जन्मभूमि का निरीक्षण किया राम मंदिर के निर्माण कार्यों को देखा। करदायी संस्था के इंजीनियरों ने उन्हें मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया। सीएम ने ट्रस्ट के पदाधिकारियों से कहा कि भक्तो की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। रामजन्मभूमि से सीएम पैदल ही राम जन्मभूमि पथ का निरीक्षण करने निकल पड़े। श्रीराम जन्मभूमि पथ पर लगाए गए मार्ग के डिस्प्ले को मुख्यमंत्री ने देखा। उन्होंने अधिकारियों से राम जन्मभूमि पथ के निर्माण कार्य की जानकारी ली और रास्ते पर लगाए जा रहे पत्थरों की गुणवत्ता भी पूछी। करदायी संस्था के अधिकारियों से रास्ते पर भक्तों को मिलने वाली सुविधा की जानकारी ली। उन्होंने जल्द ही इस मार्ग का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।