बूथ प्रबंधन को जीत का मंत्र बनाएगी सपा: परंपरागत वोटबैंक के साथ अति पिछड़ों एवं दलितों पर बढ़ाएगी फोकस
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
सपा ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जातीय जनगणना, छात्रसंघ चुनाव और महंगाई को मुद्दा बनाने के साथ ही बूथ प्रबंधन पर काम करने की योजना बनाई।
सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अखिलेश यादव। – फोटो : amar ujala
विस्तार
समाजवादी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बूथ प्रबंधन पर विशेष रूप से फोकस करेगी। पार्टी परंपरागत वोटबैंक के साथ अति पिछड़ों और दलितों पर फोकस करेगी। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी। पार्टी के नेता जातीय जनगणना, उत्पीड़न को मुद्दा बनाएंगे। पार्टी के फ्रंटल संगठन उच्च शिक्षा संस्थानों की फीस और भर्ती, छात्रसंघ चुनाव और स्वास्थ्य सुविधाओं की अनदेखी को मुद्दा बनाएंगे। बूथ प्रबंधन में मैनपुरी मॉडल भी अपनाया जाएगा। इसके तहत एक कमेटी अलग से संबंधित लोकसभा क्षेत्र का सियासी तापमान नापेगी। यह फैसला कोलकाता में हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया।
कार्यकारिणी की बैठक में ज्यादातर वक्ताओं ने अल्पसंख्यक वोटबैंक को सहेजे रखने पर जोर दिया। कहा कि उनमें विश्वास बनाए रखना होगा कि सपा ही उनके हितों की रक्षा कर सकती है। बैठक में प्रो रामगोपाल, शिवपाल सिंह यादव, लालजी सुमन, किरनमय नंदा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बूथ प्रबंधन पर जोर दिया। इन नेताओं ने कहा कि बूथ की कमेटी बहुस्तरीय होनी चाहिए। इसमें संबंधित बूथ की आबादी से हिसाब से अलग- अलग जाति के कार्यकर्ताओं का चयन किया जाए। लेकिन, इस बात का ध्यान रखा जाए कि संबंधित बूथ पर किसी बिरादरी के दो चार परिवार हैं तो संबंधित बिरादरी का कार्यकर्ता भी कमेटी में होना चाहिए, ताकि वह अपनी बिरादरी के मतदाताओं को बूथ तक ला सके।
ये भी पढ़ें – ऊर्जा मंत्री की कर्मचारी नेताओं संग बातचीत रही बेनतीजा, कल फिर हो सकती है बैठक
ये भी पढ़ें – प्लॉट या फ्लैट न देने वाले 553 बिल्डरों से होगी 1549 करोड़ रुपये की वसूली, आवास विभाग ने दिए निर्देश
जहां हर जाति के लोग हैं, उसमें अति पिछड़ों एवं दलितों की भागीदारी बढ़ाई जाए। दलितों में यह सुनिश्चित किया जाए कि उनकी अलग-अलग जातियों के कार्यकर्ता बूथ में अनिवार्य रूप से रहें। लालजी सुमन ने इस बात पर बार-बार जोर दिया कि सिर्फ पार्टी कार्यालय का चक्कर लगाने वालों को तवज्जो न देकर बूथ पर संघर्ष करने वालों को तवज्जो देनी होगी। इस पर अन्य नेताओं ने भी सहमति जताई। जया बच्चन, लीलावती कुशवाहा सहित अन्य महिला नेताओं ने जिला से लेकर बूथ स्तर पर सभी कमेटियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया। इसका प्रो रामगोपाल ने समर्थन किया। उन्होंने एलान किया कि महिलाओं को हर हाल में सम्मान दिया जाएगा। महिला सभा की पदाधिकारियों को विभिन्न संयोजन समितियों के जरिए जोड़ा जाए। महिला सभा को पूरी तरह से सक्रिय किया जाए। वे लोगों के घरों में जाकर आधी आबादी को पार्टी से जोड़ सकती हैं।
तय होगी जवाबदेही: कार्यकारिणी में सहमति बनी कि नेताओं की जवाबदेही व्यवस्था को मुकम्मल किया जाएगा। जिन लोगों को किसी लोकसभा क्षेत्र या विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी दी जाएगी, उससे वहां की पूरी व्यवस्था की रिपोर्ट ली जाएगी। संबंधित क्षेत्र में जाने के बाद नेता ने क्या बदलाव किया और उसका क्या परिणाम रहा, इसकी समीक्षा की जाएगी। जो लोग पार्टी की उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं देते हैं, उन्हें भविष्य में ऐसी जिम्मेदारी देने से बचा जाएगा।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.