गोरखपुर जिले में गुलरिहा इलाके के मोहद्दीनपुर गांव में खुदकुशी करने वाली मां-बेटी की चिता शुक्रवार को एक साथ जली तो सबकी आंखें नम हो गईं। लड़खड़ाते कदम के साथ श्रीकांत ने कंधा और मुखाग्नि दी। गांव के लोग भी मौजूद रहे। सभी निर्मला सिंह के इस कदम को कोस रहे थे। पछतावा है कि हंसता-खेलता परिवार एक छोटी सी बात पर बर्बाद हो गया।
जानकारी के मुताबिक, बृहस्पतिवार को श्रीकांत सिंह की पत्नी निर्मला ने अपनी बेटी सलोनी के साथ आग लगाकर खुदकुशी कर ली थी। दरअसल, निर्मला पति के साथ उसके बहन के घर जाना चाहती थी, लेकिन पति साथ लेकर नहीं गया था। सिर्फ इसी बात से नाराज होकर उसने खुदकुशी कर ली और बेटी भी उससे लिपटकर मर गई। निर्मला अपने दो और औलादों को भी मारना चाहती थी, लेकिन वह भागकर जान बचा लिए थे। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद बरगदही स्थित बैकुंठ धाम पर एक साथ चिता जली।
हे राम! मेरी तो पूरी दुनिया उजड़ गई…
हे राम! मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई। यह कहते हुए श्रीकांत शुक्रवार को बेटी और पत्नी के शव उठाने से पहले बदहवास होकर गिर पड़े। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला। उनके चेहरे पर पानी डाला तो वह होश में आए। फिर रिश्तेदारों और घरवालों ने समझाया। पड़ोसी मनोज ने कहा कि नियति का यही फैसला है चाचा, बदल नहीं सकते है। फिर करीब आधे घंटे बाद हिम्मत कर श्रीकांत उठे और दोनों शवों को कंधा और फिर मुखाग्नि दी।
गुलरिहा इलाके के मोहद्दीनपुर गांव में बृहस्पतिवार को एक साथ खुदकुशी करने वाली मां-बेटी की शुक्रवार को एक साथ चिताएं जलीं तो सबकी आंखें नम हो गईं। लड़खड़ाते कदम के साथ श्रीकांत ने कंधा और मुखाग्नि दी। गांव के तमाम लोग भी मौजूद रहे। सभी निर्मला सिंह के इस कदम को कोस रहे थे। पछता रहे थे कि हंसता-खेलता परिवार एक छोटी सी बात पर बर्बाद हो गया।
तख्ते से उठ नहीं पाई बूढ़ी सास
घटना के बाद शुक्रवार को घर में कोहराम मचा रहा। निर्मला की बूढ़ी सास फूलमती इस कदर टूट गई हैं कि वह शुक्रवार को तख्ते से उठ ही नहीं पाईं। पड़ोस की लीलावती देवी उनके पास जाकर बैठीं। सांत्वना दी। इसके बाद बहू और पोती के शव के पास पहुंची। आंखों से आंसू बह रहे थे। फिर वह वहीं बेहोश होने लगी तो उनकी बेटी ने संभाला और घर में लेकर गई।