जिले में पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर डटे बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। सोनभद्र में ऊर्जा मंत्री की हिदायत के बाद भी काम पर न लौटने वाले कर्मचारियों पर शासन ने सख्ती दिखाई है। हड़ताल में शामिल 49 कर्मचारियों पर जिले में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत केस दर्ज हुआ है। जिन कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें ज्यादातर हड़ताल में शामिल संगठनों के पदाधिकारी हैं। उधर, मुक़दमा दर्ज होने के बाद कर्मचारी संगठनों में उबाल है। उन्होंने आंदोलन तेज करने की बात कही है।
सोलह मार्च की रात दस बजे से बिजली कर्मचारी 72 घंटे की हड़ताल पर हैं। इससे पहले दो दिनों तक कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार भी किया था। आंदोलन के चलते बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। कई इलाके घण्टों से अंधेरे में डूबे हैं। बिजली उत्पादन पर भी असर पड़ा है। जिले में स्थापित राज्य उत्पादन निगम की ओबरा परियोजना से बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है। वहीं अनपरा की ए और बी परियोजना भी बंद है। सिर्फ अनपरा-डी से ही करीब एक हज़ार मेगावाट तक उत्पादन हो रहा है। गहराते संकट को देखते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का निर्देश दिया था, बावजूद परियोजना कर्मी आंदोलन पर डटे हुए हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए शासन ने कार्रवाई शुरू की है। शनिवार की अर्द्ध रात्रि में जिले के ओबरा और अनपरा थाने में 49 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया