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जब भीषण आपदा ने जमकर मचाई तबाही, एक साथ चली गई करीब 11 हजार लोगों की जान
Earthquake In India And Nepal: 15 जनवरी 1934 को आए भूकंप ने भारत और नेपाल में भीषण तबाही मचाई थी. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.4 थी.


15 जनवरी का विनाशकारी भूकंप
बता दें कि 15 जनवरी 1934 को आया भूकंप भारत और दुनिया में आए बड़े भूकंपों में से एक माना जाता है. ये भूकंप 15 जनवरी को दोपहर में 2 बजकर 13 मिनट पर आया था. धरती डोलने लगी थी. चीख-पुकार के बीच मिनटों में कई बिल्डिंगें धराशायी हो गई थीं. इस भूकंप की वजह से धरती करीब 3-4 मिनट तक हिलती रही थी.क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है. फिर इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?
रिक्टर स्केल | असर |
0 से 1.9 | सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है. |
2 से 2.9 | हल्का कंपन. |
3 से 3.9 | कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर. |
4 से 4.9 | खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं. |
5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है. |
6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है. |
7 से 7.9 | इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं. |
8 से 8.9 | इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं. सुनामी का खतरा होता है. |
9 और उससे ज्यादा | पूरी तबाही. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समुद्र नजदीक हो तो सुनामी. |