राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर स्थित अंबेडकर पार्क में बुधवार दोपहर प्रशासनिक अफसरों एवं कर्मचारी नेताओं के बीच नोकझोंक और हाथापाई हुई। बाद में अफसरों ने पुलिस को बुलाकर कर्मचारी नेता कौशल किशोर आदित्य समेत कई कर्मियों से अभद्रता करते हुए उनको गिरफ्तार करा दिया। इस गिरफ्तारी से भड़के करीब दो हजार से ज्यादा स्मारक समिति कर्मियों ने गोमतीनगर थाना का घेराव करके प्रदर्शन और नारेबाजी शुरु कर दी। यहीं नहीं, जो कर्मचारी स्मारकों में काम कर रहे थे वह भी हड़ताल पर चले गए। थाने का घेराव देख पुलिस ने बैकफुट पर आकर दोनों पक्षों से बातचीत की और उनका मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया।
स्मारक समिति कर्मियों ने बताया कि प्रबंधक प्रशासन राजीव कुमार एवं अन्य अधिकारियों द्वारा कर्मचारी नेता कौशल किशोर आदित्य को अंबेडकर पार्क में समस्याओं पर वार्ता करने का झांसा देकर बुलाया गया था। कर्मचारी नेता पांच-छह साथियों के साथ अंबेडकर पार्क पहुंचे तो बातचीत का दौर शुरु हुआ।
इसी बीच कर्मचारी नेताओं ने देखा कि पार्क में ठेकेदार के मजदूरों से काम कराया जा रहा है। जबकि, पार्क में स्मारक समिति के कर्मचारी काम कर रहे थे। इसी मुददे पर कर्मचारी नेताओं ने राजीव कुमार से कहा कि जब स्मारक समिति के कर्मचारी काम कर रहे हैं तो ठेकेदार के मजदूरों को बुलाकर क्यों काम कराया जा रहा है। यह बातचीत बहस, नोकझोंक और अभद्रता में तब्दील हुई तो प्रशासनिक अफसरों ने पुलिस को बुलाकर कर्मचारी नेताओं को गिरफ्तार करा दिया।
अफसर कर रहे उत्पीड़न, नेता समेत 31 का निलंबन
प्रदर्शनकारी स्मारक कर्मियों ने बताया कि वह मृतक आश्रितों को नौकरी देने, पुनरीक्षित वेतनमान देने एवं 5500 कर्मियों के जीपीएफ घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग को लेकर 23 दिन से धरना कर रहे हैं। कर्मियों ने 18 दिसंबर को एलडीए मुख्यालय पर धरना दिया तो कर्मचारी नेता कौशल किशोर आदित्य समेत 31 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
इस कार्रवाई के विरोध में स्मारक समिति कर्मियों ने आलमबाग के ईको गार्डेन पार्क में बेमियादी धरना शुरु कर दिया। कर्मचारी स्मारक में काम करने के साथ ही आंदोलन भी कर रहे थे। कर्मियों ने बताया कि सेना के कार्यक्रम के मद्देनजर बुधवार को जो कर्मचारी काम करने गए थे तो उनको रजिस्टर पर हाजिरी लगाने से भी रोका गया।