टूंडला पर गंगा दशहरा पर खाना व दूध-जलेबी का सेवन कर सोने वाले परिवार की बिगड़ी हालत में सुधार आया है। शुक्रवार देर शाम चिकित्सकों ने उनकी छुट्टी कर दी। वहीं परिवार के मुखिया की मौत से सभी सदमे में हैं। परिजन ने घटना के संबंध में पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी है। अब, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही घटना का खुलासा करेगी।
थाना टूंडला के बन्ना रोड स्थित जैन एंड संस कोल्ड स्टोरेज के निकट निवासी 47 वर्षीय सत्यपाल यादव के परिवार ने बृहस्पतिवार को दशहरा पर्व होने पर सुबह पूड़ी, सब्जी बनाई थी। अस्पताल से छुट्टी होकर आए अंश यादव ने बताया परिवार के सभी सदस्यों ने रात को भी सुबह बनी हुई पूड़ी सब्जी खाई थी। उसके बाद सुभाष चौराहे से लाई गईं जलेबियों का दूध के साथ सेवन किया था। इसके बाद सभी लोग सो गए थे।
शुक्रवार सुबह सात बजे उसकी आंख खुली तो सिर चकरा रहा था। वहीं परिवार के सभी लोग बेहोशी की हालत में पड़े थे। उसने अपने चचेरे भाई विश्वनाथ यादव और अपने दोस्तों को सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे चचेरे भाई विश्वनाथ ने सभी को आगरा के अलग-अलग दो निजी अस्पतालों में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान उसके पिता सत्यपाल की मौत हो गई थी। उन्हें होश आने पर एवं पिता का शव गांव पहुंचने पर चिकित्सकों ने शाम सात बजे अस्पताल से छुट्टी कर दी थी।
देर रात पिता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। थाना प्रभारी अंजीश कुमार सिंह का कहना है कि घटना को लेकर परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। तहरीर आने पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य विभाग की टीम को नहीं मिला खाने-पीने का सामान
फिरोजाबाद से शुक्रवार रात्रि साढ़े नौ बजे खाद्य विभाग की टीम पहुंची थी। परिजनों ने बताया कि खाना, दूध, जलेबी खाने के बाद बर्तन साफ कर रख दिए थे। टीम यहां से किस चीज के सैंपल ले गई है, उन्हें जानकारी नहीं है। अब खाना खाने से, दूध या जलेबी से उनकी हालत बिगड़ी हो, कुछ भी कहा नहीं जा सकता। खाद्य विभाग की टीम बिना कोई सैंपल लिए खाली हाथ लौट गई थी।
किसी पर कोई शक नहीं तो शिकायत क्या करें
फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए वृद्ध साहब सिंह ने बताया कि उन्हें तो किसी पर कोई शक नहीं। अब खाने में कुछ था, दूध में या जलेबी में। घर में कोई भी तो नहीं बचा था जो बीमार नहीं हुआ हो। उन्होंने छलछलाई आंखों और रुधे हुए गले से कहा कि अफसोस यही है कि बेटा चला गया। इससे अच्छा होता कि उनकी मौत आ गई होती।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही खोलेगी घटना का राज
खाना, दूध और जलेबी खाकर सोए परिवार के बीमार होने एवं परिवार के मुखिया की मौत होने के मामले में परिवार पुलिस कार्रवाई नहीं चाहता है। खाद्य विभाग को कोई बचा हुआ खाना, दूध और जलेबी मिली नहीं मिली थी, जिससे यह पता चल सके कि किस चीज में गड़बड़ी थी। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही पता चलेगा कि आखिर परिवार के खाने में क्या विषाक्त था।