राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश भर के राजकीय व निजी पॉलीटेक्निक में चल रही डिप्लोमा इन फार्मेसी प्रवेश काउंसिलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। इसी के साथ ही नए सत्र में अभी तक हुए 2000 से अधिक अभ्यर्थियों के दाखिले को भी निरस्त कर दिया गया है। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने यह फैसला हाईकोर्ट के लखनऊ खंडपीठ के निर्देश पर लिया है।
तीन राजकीय और 1000 से अधिक निजी पॉलीटेक्निक में जून से फार्मेसी के एक लाख से अधिक सीटों पर प्रवेश काउंसिलिंग की प्रक्रिया जारी थी। लेकिन, निजी संस्थानों के विरोध और हाईकोर्ट के आदेश के बाद परिषद ने बीच में फार्मेसी प्रवेश पर रोक लगा दी।
कोर्ट में दायर याचिका के अनुसार, नए संस्थानों में फार्मेसी प्रवेश मान्यता दी गई लेकिन, पुराने संस्थानों को इससे दूर रखा गया। पुराने संस्थान के संचालकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फार्मेसी प्रवेश पर रोक लगाने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी।
परिषद के सचिव संजीव कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद कि सत्र 2025 के लिए 27 जून से जारी डिप्लोमा इन फार्मेसी पाठ्यक्रम की प्रवेश काउंसिलिंग प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक के लिए निरस्त कर दिया गया है।
सचिव ने बताया कि काउंसिलिंग से संबंधित आगे की प्रक्रिया और पुनः प्रारंभ किये जाने की तिथि व दिशा-निर्देश परिषद के पोर्टल jeecup.admissions.nic.in पर जारी किए जायेंगे। सचिव ने अभ्यर्थियों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी भ्रामक सूचना पर ध्यान न दें।