प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने एक बड़े डब्बा ट्रेडिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 4 जगहों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई में ईडी ने 3.3 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, लग्जरी घड़ियां, आभूषण, विदेशी मुद्रा और लग्जरी वाहन जब्त किए हैं। ईडी को छापेमारी के दौरान नकदी गिनने वाली मशीनें भी मिलीं हैं। आइए जानते हैं कि इस मामले में अब तक क्या कुछ पता लगा है।
क्या है पूरा मामला? ED की ओर से इस मामले में लसूड़िया पुलिस स्टेशन, इंदौर में FIR नंबर 0041/2025 के आधार पर BNS की धारा 319(2) और 318(4) पीएमएलए जांच शुरू की गई थी। अब तक की जांच में पता लगा है कि- :
जांच के दायरे में डब्बा ट्रेडिंग ऐप्स: VMoney, वीएम ट्रेडिंग, स्टैंडर्ड ट्रेड्स लिमिटेड, आईबुल कैपिटल, लोटसबुक, 11Starss, गेमबेट लीग। व्हाइट-लेबल ऐप्स के माध्यम से संचालित ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म और प्रॉफिट शेयरिंग के आधार पर एडमिन अधिकारों का आदान-प्रदान। हवाला संचालकों और फंड संचालकों की पहचान की गई है, और उनके डिजिटल और वित्तीय रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। ईडी द्वारा अवैध डब्बा व्यापार और ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क की जांच के तहत मुंबई में चार परिसरों में चलाए गए तलाशी अभियान में चीजे जब्त की गईं है-:
₹3.3 करोड़ की बेहिसाबी नकदी हाई वैल्यू की की लग्जरी घड़ियां और आभूषण विदेशी मुद्रा लक्जरी वाहन अब तक जांच में क्या पता चला? ईडी की जांच से पता चला है कि VMoney और 11Starss के लाभार्थी मालिक विशाल अग्निहोत्री ने 5% प्रॉफिट शेयरिंग की व्यवस्था पर लोटसबुक सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के एडमिन अधिकार हासिल किए थे। बाद में उन्होंने ये अधिकार धवल देवराज जैन को ट्रांसफर कर दिए, जिससे 0.125% लाभ उनके पास रहा, जबकि जैन के पास 4.875% लाभ रहा। धवल जैन ने अपने सहयोगी जॉन स्टेट्स उर्फ पांडे के साथ मिलकर एक व्हाइट-लेबल सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म डेवलप किया और 11Starss.in चलाने के लिए विशाल अग्निहोत्री को इसकी आपूर्ति की। एक हवाला ऑपरेटर मयूर पाड्या उर्फ पाड्या सट्टेबाजी संचालन के लिए नकद-आधारित मनी ट्रांसफर और भुगतान का काम संभालता था।