बरेली के हाफिजगंज थाना क्षेत्र में दहशत का पर्याय बना तेंदुआ एक महीने बाद बुधवार को पिंजरे में कैद हो गया। सूचना पाकर वन विभाग के अधिकारी के साथ थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंचे। तेंदुए को देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण मौके पर जुट गए। उन्होंने बताया कि तेंदुए के कारण किसान खेतों पर नहीं जा रहे थे। खेताबाड़ी का काम प्रभावित हो रहा था। पिंजरे में कैद तेंदुए को देखकर लोगों ने राहत की सांस ली है।
गांव फैजुल्लापुर के पास स्थित बंद खेतान फैक्टरी में 26 जून को तेंदुए ने चौकीदार अजय कुमार की गाय पर हमला किया था। चौकीदार ने छत पर चढ़कर उसका वीडियो बना लिया और उसे भगाकर गाय को बचाया था। जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। सूचना पर वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था। फैक्टरी परिसर में दो कैमरे भी लगाए, लेकिन तेंदुआ एक महीने तक चकमा देता रहा।
एक महीने से गांव फैजुल्लापुर गौंटिया, सेंथल, लाड़पुर, सनेकपुर, हरहरपुर समेत कई गांवों में दहशत थी। शाम ढलने के बाद लोग अपने घरों से नहीं निकलते थे। यह तेंदुआ कभी खेतों में तो कभी स्कूल के पास देखा जाता रहा। ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए को जल्द पकड़ने की गुहार लगाई थी। इसके बाद वन विभाग ने वन्यजीव विशेषज्ञ जीएस खुशालिया को मेरठ से बुलाकर तेंदुए को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
पिंजरे में रखी थी मुर्गी
खुशालिया ने आठ दिन पूर्व फैक्टरी में बरीकी से निरीक्षण किया। बताया था कि यह तेंदुआ पहले पिंजरा में फंस चुका है, इसलिए इसके पकड़ने की नई रणनीति बनाई जाएगी। नई रणनीति के तहत कुशालिया ने रेंज आधिकारी केके मिश्रा, वनकर्मी अकबर अली, मोहम्मद अशरफ के साथ मिलकर तेंदुए के निकलने वाले रास्ते पर पिंजरा लगाया। पिंजरे में एक मुर्गी बंद कर दी।
मंगलवार रात बारिश हो रही थी। माना जा रहा है कि तेंदुए को शिकार नहीं मिला होगा। पिंजरे में मुर्गी देखकर उसमें घुस गया और कैद हो गया। इसकी सूचना पर थाना प्रभारी हाफिजगंज पवन कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वन विभाग के अधिकारी भी वहां पहुंच गए। रेंजर नवाबगंज केके मिश्रा ने बताया कि तेंदुए को नजीबाबाद डिवीजन के जंगल में छोड़ा जाएगा।