मथुरा-वृंदावन में यमुना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। आलम ये है कि लोग घर के अंदर सोने से डर रहे हैं। बाढ़ के पानी में डूबकर आठ भैंस मर गईं। बाढ़ के हालात के चलते जिलाधिकारी ने 12वीं तक के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिए हैं। मथुरा-वृंदावन में यमुना का रौद्र रूप डरा रहा है। रविवार रात यमुना का जलस्तर 167.67 मीटर पर पहुंच गया, जो अब तक सर्वाधिक है। मथुरा और वृंदावन की कॉलोनियों के साथ ही जिले के 54 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। नगर निगम के अयोध्यानगर में आधी रात को बाढ़ के चलते एक मकान भरभराकर गिर गया। हालांकि फर्श धंसने के बाद ही घर में सो रहा पूरा परिवार बाहर आ गया था, जिसके चलते जनहानि नहीं हुई। वहीं रिफाइनरी गांव बाद में बाढ़ के पानी में डूबने से आठ भैंसों की मौत हो गई है।
बाढ़ के हालात हर गुजरते दिन के साथ और विकराल होते जा रहे हैं। रविवार रात को दो बजे के करीब यमुना का जलस्तर बढ़ा तो लक्ष्मीनगर क्षेत्र की आधा दर्जन कॉलोनियाें में पानी घुस गया। वहीं नौ गांवों में भी पानी घुस गया। जलस्तर बढ़ने से मथुरा के ईसापुर, अयोध्यानगर, लक्ष्मीनगर, हंसगंज, तिवारीपुरम समेत अन्य कई कॉलोनियों में पांच फीट तक जलभराव हो गया।
अयोध्यानगर में जलभराव के चलते रात 12 बजे महेंद्र शर्मा का पक्का मकान भरभराकर गिर गया। रविवार सुबह से उनके घर के आसपास चार फीट पानी भरा था। रविवार को रात 12 बजे के करीब वे अपनी पत्नी, भाई और चार बेटियों के साथ घर में सो रहे थे। इसी दौरान अचानक फर्श धंसने से उनकी नींद खुल गई। फर्श धंसते ही उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए पूरे परिवार को मकान से बाहर निकाल लिया। उनके बाहर निकलने के चंद मिनट बाद ही पहले पीछे की दीवार गिरी और फिर पूरा मकान धराशायी हो गया। पूरी रात महेंद्र परिवार समेत बाहर बैठे रहे। उन्होंने बताया कि परिवार की जान तो बच गई, लेकिन उनका मकान और सारा सामान मलबे में दबकर बर्बाद हो गया। वह ऑटो चलाकर परिवार का पेट पाल रहे थे। अब उनके पास न तो आशियाना है और न ही कोई सामान।
वहीं दूसरी तरफ यमुना का जलस्तर दिन में कम होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है। सोमवार को शाम छह बजे यमुना का जलस्तर तीन सेंटीमीटर गिरकर 167.64 सेंटीमीटर पर आ गया। हालांकि, यह खतरे के निशान से अब भी डेढ़ मीटर से अधिक ऊपर है। हालांकि सोमवार को हथिनीकुंड बांध से 37 हजार क्यूसेक और ओखला से 84 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से अब राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मथुरा में बाढ़ के हालात काबू करने के लिए गोकुल बैराज से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
बाढ़ के पानी में डूबकर आठ भैंस मरीं
रिफाइनरी गांव बाद में बाढ़ के पानी में डूबने से आठ भैंसों की मौत हो गई है। सोमवार शाम 5 बजे गांव निवासी योगेश पहलवान के बाड़े में बाढ़ का पानी भर गया। उन्होंने पानी में बंधी भैंसों को ऊंचे स्थान पर ले जाने के लिए खोला, इतने में भैंस बरेली हाईवे के निकट खाई में घुस गईं। जहां वे गहरे पानी में डूब गईं। आठों भैंसों की मौके पर ही मौत हो गई। पशु पालक को कई लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
स्कूलों की छुट्टी बढ़ाई, आज भी बंद रहेंगे स्कूल
बाढ़ के चलते मथुरा में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। डीएम चंद्रप्रकाश सिंह के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक रवींद्र सिंह ने मंगलवार को भी कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है।