विद्युत उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबिनार में प्रदेशभर से जुड़े उपभोक्ताओं ने पॉवर कॉर्पोरेशन की ओर से नए कनेक्शन लेने पर प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता को गलत ठहराया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि मनमानी तरीके से उपभोक्ताओं पर भार नहीं डालना चाहिए।
विभिन्न स्थानों से जुड़े उपभोक्ताओं ने कहा कि इस मामले में ऊर्जा मंत्री हस्तक्षेप करें। स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता का फैसला वापस लें। पहले बिजली दरों में 45 फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया और अब मीटर के जरिए उपभोक्ताओं की जेब काटने की तैयारी चल रही है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सभी उपभोक्ताओं की बात को कॉर्पोरेशन प्रबंधन और विद्युत नियामक आयोग तक पहुंचाया जाएगा। यह लड़ाई निरंतर जारी रहेगी।
निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई का विरोध विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से शनिवार को भी निजीकरण और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई के विरोध में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया गया। कॉर्पोरेशन प्रबंधन से मांग की गई कि निजीकरण प्रस्ताव रद्द करके काम का माहौल बनाएं ताकि निगमों की तरक्की हो सके। संघर्ष समिति ने कहा कि तमाम बिजली कर्मियों का तीन माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। यह पूरी तरह अमानवीय है। फेसियल अटेंडेंस के नाम वेतन रोकना गलत है।