मनीष वर्मा की रिपोर्ट
गाजीपुर। गाजीपुर में 23 सितंबर को लापता किशोरी की लाश 14 दिन बाद गंगा नदी में मिली। परिजनों ने कपड़ों और लॉकेट से शव की पहचान की। पुलिस ने आरोपियों दिलीप, राज और मोनू को गिरफ्तार किया, जिन्होंने किशोरी की हत्या की।
किशोरी की लाश नाविकों की सूचना पर मंगलवार को पुलिस ने बरामद कर ली। करीब 14 दिन बाद मिली लाश कंकाल में तब्दील हो चुकी थी। कंकाल के साथ बोरी में दो बड़े पत्थर भी मिले हैं। परिजनों ने कपड़ों और गले में मिले लॉकेट से शव की शिनाख्त की जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
बता दें कि पैनाकला निवासी एक किशोरी 23 सितंबर को घर से लापता हो गई थी। पिता ने 25 सितंबर को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पिता ने 29 सितंबर को थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी बेटी कंचनपुर निवासी दिलीप से बातचीत करती थी उसी ने अपने साथियों राज और मोनू के साथ मिलकर हत्या कर दी है और शव को गंगा नदी में फेंक दिया है।
पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर पूछतांछ की मामले का खुलासा हुआ। आरोपी दिलीप ने अपने साथी राज और मोनू के साथ 25 सितंबर को किशोरी की गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव को कार में ले जाकर उसी रात हुसैनगंज थाना के असनी गंगा पुल से बोरे में भरकर नीचे नदी की बीच धारा में फेंक दिया था।
मामले का खुलासा कर पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया था। शव की तलाश के लिए एसडीआरएफ टीम ने दो दिनों तक गंगा में करीब 50 किमी के दायरे में शव को तलाशा लेकिन सफलता नहीं मिली थी।
आरोपियों ने पुलिस को हर कदम गुमराह किया। पहले किशोरी के फांसी लगा लेने की बात कही। फिर अगले दिन गला दबाकर हत्या की बात कही। शव को असनी पुल से बीच धारा में फेंकने की बात बताई।
पुलिस उसी आधार पर शव तलाश करती रही। जबकि आरोपियों ने शव को गेंगासों की तरफ धारा से काफी आगे फेंका था। शव उतराए न इसके लिए बोरी में दो बड़े पत्थर भर दिए थे। गंगा का पानी उतरा तो नाविकों को लाश से भरी बोरी दिख गई।