बरेली बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। मौलाना ने बदायूं जिले के अपने गांव में रहने के दौरान साधन सहकारी समिति करतौली से खाद ली थी। उसका न तो ब्याज दिया गया और न ही मूलधन ही जमा किया गया। अब बैंक ने ब्याज वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के बाद अब बदायूं में जांच के दौरान सामने आया है कि मौलाना तौकीर रजा ने साल 1997 में बैंक से 5055.60 रुपये की खाद ली थी। अब इस पर ब्याज सहित कुल बकाया 2,83,46 रुपये हो गया है। बैंक प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। तौकीर की संपत्ति कुर्क होने की कार्रवाई भी हो सकती है।
मूलरूप से करतौली गांव के निवासी हैं तौकीर
डीसीडीएफ अध्यक्ष रवेंद्र पाल सिंह ने बताया कि तौकीर रजा मूल रूप से बिनावर थाना क्षेत्र के करतौली गांव के रहने वाले हैं। यह लोन उन्होंने 1997 से पहले साधन सहकारी समिति करतौली से फसल उगाने के लिए लिया था। लोन लेने के बाद उन्होंने न तो मूलधन चुकाया और न ही ब्याज जमा किया। बैंक की ओर से उन्हें कई नोटिस भेजे गए थे।
हालांकि, इस दौरान वह धर्मगुरु और राजनीति में एक बड़ा चेहरा बन गए, जिसके कारण उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। बरेली बवाल के बाद तौकीर की गिरफ्तारी होने के बाद उनसे जुड़े रिकॉर्ड बदायूं में भी खंगाले गए। इसी दौरान बैंक लोन के बकाये का यह मामला सामने आया। डीसीबी चेयरमैन जेके सक्सेना ने बताया कि तौकीर पर बकाया राशि निकली है। विभाग अपने स्तर से कार्रवाई करेगा।

