फिरोजाबाद में हुए इस जघन्य मामले में पुलिस की अच्छी विवेचना और साक्ष्यों ने कोर्ट में केस को मजबूत किया। ध्यानपाल ने अपने पकड़ने के बाद उसने बच्ची का मोबाइल फोन छिपाने की जगह बताई। पुलिस ने अभियुक्त की निशानदेही पर ही वह मोबाइल घूरे के ढेर से बरामद किया। ध्यानपाल ने यह भी माना कि फोन पर कॉल आ रहे थे, जिससे घबराकर उसने उसे तोड़कर छिपा दिया था। इस बरामदगी ने ध्यानपाल के अपराध को अकाट्य रूप से सिद्ध किया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की थी कि बच्ची की मौत रस्सी से गला घोंटने के कारण दम घुटने से हुई थी। इसके अलावा विवेचना के दौरान ध्यानपाल ने पुलिस से स्वीकार किया था कि वह पीड़िता को गलत काम करने के इरादे से खेत में ले गया था। उसके विरोध करने और शोर मचाने पर डरकर उसने गला दबा दिया और रस्सी कसकर गांठ लगा दी, ताकि वह जिंदा न बच सके।

