डायबिटीज का नया प्रकार 1.5 जवानी में शरीर को खोखला करता है। इसमें डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 दोनों के लक्षण मिलते हैं लेकिन पैदाइशी डायबिटीज टाइप-1 की तरह इसमें अग्नाशय की बीटा कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जिससे रोगी को इंसुलिन पर रहना पड़ता है। इस नए प्रकार की डायबिटीज के 200 रोगी हैलट के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एंड पीजीआई के इंडोक्रोनोलॉजी विभाग में पंजीकृत हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खानपान दुरुस्त रखा जाए, दवाएं नियमित ली जाएं तो डायबिटीज 1.5 के साथ सामान्य जीवन जिया जा सकता है। इंडोक्रोनोलॉजी विभाग में पंजीकृत डायबिटीज 1.5 के रोगियों का आयु वर्ग 18 से 30 साल के बीच है। उन्हें इंसुलिन पर रखा गया है। इंडोक्रोनोलॉजी क्लीनिक के प्रभारी डॉ. विशाल कुमार गुप्ता का कहना है कि यह रोग टाइप-1 की तरह धीरे-धीरे आगे बढ़ता है।

