भोजपुर। बिहार के भोजपुर की तरारी सीट जीतने के बाद भाजपा का जिले में दबदबा बढ़ने के साथ कई नए समीकरण भी बनने लगे हैं। इस जीत के साथ ही BJP ने भाकपा माले की जिले में बढ़ती सीटों की संख्या और लोकप्रियता पर रोक लगाते हुए विधानसभा में सीटों की संख्या दो से घटाकर एक कर दी है।
BJP ने आरजेडी और माले को दिया झटका
इस तरह से जिले में विधानसभा के नजर से देखे तो माले की संख्या कम होने के साथ सीट घट गई है। दूसरी तरफ जिले में सबसे बड़े दल के रूप में राजद की विधानसभा संख्या के मामले में वह तीन सीटों पर विराजमान है। इस जीत के साथ भाजपा ने राजद के इस दावे की भी हवा निकाल दी और विधायकों की संख्या में अब बराबर की हिस्सेदार बन गई।
अब 3 पर भाजपा, 3 पर राजद और एक पर माले के सदस्य
जितनी संख्या राष्ट्रीय जनता दल की भोजपुर में विधायकों की है उसकी बराबरी करते हुए अब भाजपा भी तीन सीटों पर पहुंच गई। इस तरह से भोजपुर जिले में कुल सात विधानसभा क्षेत्र में से तीन में भाजपा तथा तीन में राजद के सदस्य और एक में केवल माले का सदस्य रह गया है।
इस तरह से केवल तरारी की एक जीत ने भाजपा को भोजपुर में भारी बढ़त दिला दी है। इस जीत के साथ ही अब जदयू पर भी दबाव बढ़ेगा और वह पहले जहां दूसरी कई सीटों पर नजर रखती थी उसे अब रखना और लेना आसान नहीं होगा।
तरारी की जीत से शाहाबाद में भाजपा की ताकत हुई दुगनी
भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत ने जहां जिले में सीटों के मामले में राजद से बराबरी पर ला खड़ा किया है, वही शाहाबाद में इसके सीटों की संख्या दो से बढ़कर अब चार हो गई है। शाहाबाद में केवल दो विधानसभा क्षेत्र में से पहले से मात्र आरा और बड़हरा में ही भाजपा के दो विधायक थे।
इस विधानसभा उपचुनाव में तरारी और रामगढ़ सीट जितने के बाद शाहाबाद में भाजपा के विधायकों की संख्या दो से बढ़कर चार हो गई है। इस तरह से उपचुनाव में भाजपा को काफी लाभ पहुंचा है।
अगले विधानसभा में चुनाव में बैक फुट पर होगी माले
भोजपुर जिले में विगत पांच माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में जिस तरह से माले ने बड़ी जीत दर्ज कर जिले और राज्य में अपना दबदबा बढ़ा लिया था वह महज पांच माह के बाद ही सिमटता दिख रहा है।
तरारी में पार्टी की हार के बाद अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वह राजद से भोजपुर जिले में ज्यादा मोलतोल करने की स्थिति में अब नहीं रह जाएगी। पहले से जहां वह तीन विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ रही थी, इससे ज्यादा सीट मांगने की उसकी मंशा लोकसभा चुनाव के बाद साफ हो गई थी, परंतु तरारी की हार से उसके इस मंशा को झटका लगेगा।