बात है 2023 की जब भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों से कई युवा दुनिया की बड़ी यूनिवर्सिटीज से पीएचडी और करोड़ों की नौकरी मिलने का सपना देख रहे थे। इसके लिए वे युवा प्रयासरत थे मगर IIT खड़गपुर से ग्रेुएट वरुण वुम्मादी ने अपना भविष्य पहले से ही तय कर रखा था। उन्होंने अपने सहपाठी ईशा मणिदीप के साथ चुपचाप उस स्टार्टअप का निर्माण शुरू किया जो आगे चलकर GIGA बना! GIGA एक AI स्टार्टअप है जिसे ग्राहकों से बातचीत करने के तरीके को बदलने के लिए डिजाइन किया गया था। दो साल बाद आज GIGA 61 मिलियन डॉलर का स्टार्टअप बन चुका है, जो रेडपॉइंट वेंचर्स सहित विशिष्ट सिलिकॉन वैली निवेशकों राजस्व जुटाने के बाद डोरडैश जैसे बड़े उद्यमों के साथ काम कर रहा है।
वरुण वुम्मादी की इस उपलब्धि पर आंध्र प्रदेश के विधायक नारा लोकेश को एक्स पर लिखा, ‘आंध्र प्रदेश को आप पर बहुत गर्व है, वरुण!’
वरुण ने याद किए संघर्ष के दिन
दो साल पहले लिखे गए और हाल ही में एक्स पर पुनः शेयर किए गए लिंक्डइन पोस्ट में वरुण ने उस क्षण का जिक्र किया जब वह और ईशा अपने भविष्य पर निर्णय ले रहे थे। बता दें कि, उनके सहपाठी ईशा मणिदीप को एक प्रमुख भारतीय हाई-फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म से 150,000 डॉलर का प्रस्ताव मिला था। वरुण को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी का प्रस्ताव मिला था साथ ही एक अंतरराष्ट्रीय एचएफटी फर्म में 525,000 डॉलर की क्वांट-ट्रेडर नौकरी भी मिली थी मगर उन्होंने सब कुछ ठुकरा दिया। वरुण ने लिखा, ‘हमने मशीन लर्निंग में चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करने के अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए उन सभी अवसरों को छोड़ दिया। हमारे फाइन-ट्यून्ड मॉडल GPT4 API से तीन गुना तेज हैं। हम GPT4 की तुलना में 70% सस्ते हैं और किसी विशिष्ट उपयोग के मामले में बेहतर प्रदर्शन करते हैं (जैसे, स्वास्थ्य सेवा, बीमा, वकीलों के लिए LLM)। फाइन-ट्यून्डिंग के बाद हम GPT4 + प्रॉम्प्टिंग तकनीकों से बेहतर प्रदर्शन करते हैं। ध्यान दें कि बीमा, स्वास्थ्य सेवा और कानून जैसे क्षेत्रों में डेटा गोपनीयता के कारण तैयार एआई उपकरणों को अपनाना कठिन हो जाता है।’
क्या है GIGA
GIGA एक एप्लाइड एआई लैब है जो संपूर्ण ग्राहक सेवा एजेंटों के निर्माण पर केंद्रित है। इसके मॉडल बहु-उद्देश्य वार्तालाप, बहुभाषी संदर्भ और ब्रांड-स्तरीय डेटा गोपनीयता को संभालने के लिए डिजाइन किए गए हैं ये वे विशेषताएं हैं जिनकी उद्यम ग्राहकों को मांग है। वरुण ने साक्षात्कारों में कहा मशीनें अब बारीकियों, आवाज के उतार-चढ़ाव, भावनाओं को समझने में सक्षम हैं यह सिर्फ एक और चैटबॉट नहीं है। गीगा का लक्ष्य बहुत सरल है वह है ग्राहक संचालन को स्वचालित करना।
GIGA का लक्ष्य
गीगा उस परत को वॉयस + चैट एआई एजेंटों के साथ बदलना (या बढ़ाना) चाहता है जो एक साथ होने वाली बातचीत को संभालें, प्राकृतिक अनुकूल स्वर में बोलें, एंटरप्राइज़ वर्कफ़्लो को समझें, बड़े पैमाने की प्रणालियों में एकीकृत करें, बहुभाषी वातावरण का समर्थन करें। मूलतः, कंपनी तीन गंभीर इंजीनियरिंग समस्याओं को हल करने की कोशिश कर रही है। भ्रम को लगभग शून्य तक कम करना, प्रतिदिन करोड़ों कॉल्स तक पहुंचना, और कम विलंबता के साथ वॉइस रिस्पॉन्स देना।

