Bihar Election 2025 Results: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम के रुझानों में BJP और JDU के गठबंधन NDA की सुनामी दिख रही है। माना जा रहा है कि NDA वोटों की गिनती खत्म होने तक 200 सीटों का आंकड़ा पार हो सकता है। और दूसरी तरफ RJD रुझानों में 30 सीटों के आसपास सिमटती दिख रही है। अगर परिमाण में भी RJD, 25-30 सीटों तक सिमट गई तो वह 15 साल पहले वाली स्थिति में पहुंच जाएगी। 2010 के विधानसभा चुनाव में RJD, 22 सीटों पर सिमट गई थी। इस खबर में समझते हैं कि RJD का प्रदर्शन इतना ज्यादा खराब कैसे हो गया। 3 करोड़ सरकारी नौकरियों के वादे के बावजूद तेजस्वी यादव, RJD को क्यों नहीं जिता पाए।
15 साल के चुनाव में कैसी थी RJD की हालत?
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और बीजेपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। वहीं, उनका मुकाबला लालू यादव की पार्टी आरजेडी और रामविलास पासवान की पार्टी LJP के गठबंधन से था। इस चुनाव में कांग्रेस ने किसी के साथ गठबंधन नहीं किया था। वह अकेले चुनाव में उतरी थी। तब NDA ने कुल 206 सीटें जीती थीं। वहीं, RJD-LJP का गठबंधन 25 सीटों पर सिमट गया था। तब RJD महज 22 और LJP 3 सीटें जीत पाई थी।
30 के आसपास सीटों पर क्यों फिसली RJD?
30 के आसपास सीटों पर क्यों फिसली RJD? अब समझ लीजिए कि बिहार विधानसभा चुनाव 2010 में RJD का वोट शेयर 18.84 प्रतिशत था। तब उन्होंने LJP के साथ चुनाव लड़ा था, जिसका उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ था। RJD तब महज 22 सीटों तक पहुंच पाई थी। इसके बाद 2015 के चुनाव में RJD ने बड़े वोट शेयर वाली पार्टी JDU के साथ चुनाव लड़ा था। इस बार भी RJD का वोट 18.4 फीसदी ही रहा लेकिन JDU का साथ मिलने से उनकी सीटें 22 से सीधे 80 तक पहुंच गई थीं। फिर इसके बाद 2020 का चुनाव आता है। इसमें एक तरफ बीजेपी-जेडीयू साथ थे तो दूसरी तरफ RJD ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। इस चुनाव में RJD करीब 5 फीसदी का फायदा हुआ और उसने 23.11 प्रतिशत वोट शेयर हासिल किया। उसकी सीटें भी 75 तक पहुंच गईं। इसका मुख्य कारण ये था कि चिराग पासवान ने JDU के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार दिए थे जिसने जेडीयू को काफी नुकसान हुआ था।
लेकिन अब जब 2025 का चुनाव आया और RJD को दोबारा अपने दम पर और कांग्रेस जैसे कमजोर साथी के चुनाव लड़ना था तो उसका प्रदर्शन खराब हो गया। रुझानों में RJD का वोट प्रतिशत 23 प्रतिशत के करीब तो दिख रहा है लेकिन उनकी सीटें नहीं निकला पा रही हैं. चूंकि इस बार JDU के सामने LJP के कैंडिडेट नहीं हैं तो RJD के महागठबंधन से सीधे मुकाबले में NDA के उम्मीदवार अपनी सीटों पर आगे चलते नजर आ रहे हैं।

