पश्चिम बंगाल में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ बनाने का संकल्प लेने वाले तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बागी विधायक हुमायूं कबीर को सस्पेंड कर दिया गया है। हुमायूं कबीर गुरुवार को बहरामपुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मीटिंग में पहुंचे थे। वहां अपने सस्पेंशन की खबर मिलने के बाद वे मीटिंग की जगह से चले गए।
मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद बनाने पर अड़े हुमायूं कबीर ने कहा कि जल्द ही उनकी नई पार्टी बनेगी। वे 2026 के चुनाव में 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
हुमायूं कबीर ने प्रशासन को दी थी चेतावनी
बता दें कि हुमायूं कबीर ने बुधवार को यह कहकर राज्य में सियासी पारा चढ़ा दिया कि वह राजभवन की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद का शिलान्यास करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि राज्य प्रशासन द्वारा उन्हें रोकने के किसी भी प्रयास का व्यापक विरोध होगा। उन्होंने कहा था, ‘‘अगर प्रशासन हमें रोकने की कोशिश करेगा तो रेजिनगर से बेहरामपुर तक का राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया जाएगा। मेरा संदेश साफ है- आग से मत खेलो।’’
कौन हैं हुमायूं कबीर?
बता दें कि कांग्रेस, टीएमसी, भाजपा और फिर वापस टीएमसी में शामिल हुए हुमायूं कबीर कई बार दलबदल कर चुके हैं। उन्होंने जिला अधिकारियों को चुनौती दी थी और उन पर ‘आरएसएस के एजेंट’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। 6 दिसंबर का मस्जिद के शिलान्यास का चयन राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा था। उसी दिन 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। टीएमसी इस दिन को ‘संघर्ष दिवस’ के रूप में मनाती है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस साल 6 दिसंबर को अवकाश भी घोषित किया है।

