वाराणसी के रमना में 75 एकड़ में संत कबीर टेक्सटाइल पार्क का निर्माण होगा। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि इसका शासनादेश जारी हो गया है। टेक्सटाइल पार्क में एक छत के नीचे बुनकरों से जुड़ी सभी इकाइयां स्थापित होंगी। नए उद्योगों की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त होगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और पूर्वांचल औद्योगिक मानचित्र पर और मजबूत होकर उभरेगा।
संत कबीर के नाम से बनने वाला यह पार्क बुनकरी परंपरा और आधुनिक उद्योग का संगम होगा। यह परियोजना पूर्वांचल की पारंपरिक बुनकरी और बनारसी हस्तशिल्प को नई पहचान दिलाएगी। जिले में 75 एकड़ क्षेत्रफल में संत कबीर टेक्सटाइल एंड अपैरल पार्क बनाया जाएगा। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
प्रस्तावित टेक्सटाइल पार्क के बन जाने से वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और भदोही समेत आसपास के जिलों के 5000 बुनकरों और कारीगरों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा। यहां टेक्सटाइल और परिधान उद्योग से जुड़े सभी प्रकार के उत्पादों की यूनिटें स्थापित की जाएंगी।
धागा निर्माण से लेकर साड़ी बुनाई, प्रिंटिंग, प्रोसेसिंग और फिनिशिंग तक की सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी, जिससे उत्पादन प्रक्रिया सरल और किफायती होगी। बुनकरों का कहना है कि लंबे समय से रोजगार और बेहतर आमदनी की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन करने वाले कारीगर अब अपने ही क्षेत्र में काम कर सकेंगे।

