पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में सिंध में एक हिंदू बिजनसमैन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं पेशावर में ईसाई पादरी को गोलियों से भून दिया गया। सतन लाल नाम का कारोबारी एक आटा फैक्ट्री का उद्घाटन करने पहुंचा था। वहीं उसपर गोलीबोरी हो गई। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अकसर घेरा जाता रहा है। खासतौर पर भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद और अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाता रहता है। पाक लगातार इन बातों से इनकार करता रहा है लेकिन आंकड़े झूठ नहीं बोलते।
हाल में अल्पसंख्यकों पर हुए हमले
मार्च 2021 को पाकिस्तान में एक हिंदू परिवार की हत्या हो गई थी। एक ही परिवार के पांच लोगों को मार दिया गया था। गला काटकर उनकी हत्या की गई थी। नवंबर 2021 में 11 साल के हिंदू लड़के के साथ दुर्व्यवहार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना सिंध प्रांत की है। यहां के थानेदार ने कहा कि दुर्व्यवहार से पहले ही लड़के की मौत हो चुकी थी। जनवरी 2022 में पेशावर में एक पादरी को गोली मार दी गई। इसके साथ ही कई अन्य पादरी भी घायल हो गए। बलूचिस्तान में हिंदू व्यापारी रमेश नंद लाल की हत्या कर दी गई थी हिंदू कारोबारी सुनील लाल की सिंध की अनाज मंडी में हत्या कर दी गई मार्च 2021 में हिंदू पत्रकार अजय लालवानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक साल के अंदर ऐसे चौथे पत्रकार की हत्या की गई थी।
हिंदू सबसे बड़े अल्पसंख्यक
साल 2017 में हुई जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में सबसे ज्यादा हिंदू अल्पसंख्यक हैं। इसके अलावा वहां अहमदिया, सिख और ईसाई, पादरी भी अल्पसंख्यक हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी। इन वादों के साथ ‘नए पाकिस्तान’ की बात की गई थी लेकिन यह धरातल पर नहीं उतारा जा सका।