विदेश
बाइडेन ने कहा -दीर्घकालिक परिणाम लागू करेंगे जो आर्थिक और रणनीतिक रूप से प्रतिस्पर्धा करने की रूस की क्षमता को कमजोर कर देंगे।
रूस ने पहले दिन की लड़ाई में यूक्रेन में जबरदस्त तबाही मचाई है। रूसी सेनाएं लगातार यूक्रेन में आगे बढ़ती जा रही है।

रूस ने पहले दिन की लड़ाई में यूक्रेन में जबरदस्त तबाही मचाई है। रूसी सेनाएं लगातार यूक्रेन में आगे बढ़ती जा रही है। कई शहरों पर रूस ने कब्जा जमा लिया है और कई रिहायशी इलाकों में भी सैन्य हमले हुए हैं। हालांकि रूस के इस कदम को लेकर अमेरिका समेत कई देशों ने कड़ी आलोचना करते हुए कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि इन प्रतिबंधों से रूस के सामने कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होंगी। हालांकि इस पर अब रूस का जवाब आया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक क्रेमलिन ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन पर उसके आक्रमण के लिए रूस पर लगाए गए प्रतिबंध मास्को के लिए समस्याएं पैदा करेंगे, लेकिन उन समस्याओं का समाधान किया जाएगा। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ संभावित दंडात्मक उपायों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और यह भी कहा कि रूस ने प्रतिबंधों के खतरे से खुद को बचाने के लिए जानबूझकर विदेशी आयात पर अपनी निर्भरता कम की है। वहीं, शुक्रवार की देर रात में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा था कि हम उनके सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों और प्रमुख उद्योगों पर तीव्र दबाव डालेंगे। अगर रूस आगे बढ़ता है तो ये उपाय जल्द से जल्द लागू करने के लिए तैयार हैं। हम दीर्घकालिक परिणाम लागू करेंगे जो आर्थिक और रणनीतिक रूप से प्रतिस्पर्धा करने की रूस की क्षमता को कमजोर कर देंगे। ब्रिटेन के प्रतबिंधों पर रूस का पलटवार बता दें कि यूक्रेन पर हमले के मद्दनेजर रूस पर नए प्रतिबंधों की रूपरेखा तैयार करते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह देश में एयरोफ्लोट विमानन कंपनी को प्रतिबंधित करेंगे। वहीं, ब्रिटेन पर पलटवार करते हुए रूस ने ब्रिटिश एयरलाइंस को अपने हवाई अड्डों पर उतरने पर पाबंदी लगा दी है। एयरोफ्लोट पर ब्रिटेन के प्रतिबंध के जवाब में रूस के नागर विमानन प्राधिकरण ने रूसी हवाई क्षेत्र में ब्रिटेन की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया है। कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार युद्ध के चलते दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई हैं। कच्चे तेल की कीमतों में यह इजाफा भी रूस के ही पक्ष में जाने वाला है क्योंकि रूस क्रू़ड ऑयल और गैस का बड़ा उत्पादक देश है। इसके अलावा चीन ने रूस से गेहूं के आयात को मंजूरी दे दी है। यही नहीं चीन ने रूस के साथ कारोबारी संबंधों को और आगे बढ़ाने के संकेत दिए हैं। बीते कई सालों में दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते तेजी से बढ़े हैं। साफ है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों से कारोबार की भरपाई रूस चीन से करना चाहेगा और यह उसका पाबंदियों से बच निकलने का कारगर प्लान साबित हो सकता है।