अल्जाइमर-डिमेंशिया जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के मामले पिछले एक-दो दशकों में काफी तेजी से बढ़े हैं, विशेषज्ञों को चिंता है कि आने वाले कुछ दशकों में इसके मामले और भी बढ़ सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले इन विकारों में याददाश्त कम होने के साथ निर्णय लेने, काम करने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है जो क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए भी समस्याएं बढ़ाने वाली मानी जाती है।
व्यायाम से डिमेंशिया में लाभ
कई अध्ययनों में मध्यम आयु वर्ग के लोगों और जीवन के बाद की अवधि में उनकी सोच और स्मृति पर व्यायाम के प्रभावों का आकलन किया गया। नियमित व्यायाम करने वाले लोगों में डिमेंशिया विकसित होना का जोखिम लगभग 30 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
व्यायाम का मस्तिष्क पर असर
शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि वॉकिंग-जॉगिंग या साइकिलिंग जैसे एरोबिक व्यायाम आपके मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं। यह हिस्सा आपकी स्मृति और सीखने की क्षमता से जुड़ा हुआ है। समय के साथ कुछ लोगों का हिप्पोकैम्पस सिकुड़ने लग जाता है जिसके कारण आगे चलकर आपको याददाश्त से संबंधित समस्याओं का जोखिम हो सकता है।