मोदी के सामने कुछ बोल नहीं सकते, वाजपेयी के वक्त नहीं था ऐसा
अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे अरुण शौरी ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का क्षय होता जा रहा है। भ्रष्टाचार के मसले पर उन्होंने कहा कि करप्शन आज इंस्टीट्यूशनलाइज हो गया है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार अरुण शौरी की नई पुस्तक द कमिश्नर फॉर लॉस्ट कॉसेज आई है। इस पुस्तक में आपातकाल, भागलपुर हिंसा, राजनीति, बोफोर्स, भ्रष्टाचार जैसे कई दूसरे विषयों का जिक्र है। 583 पेज की इस पुस्तक में कई संस्मरण भी हैं। इस किताब के बारे में एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा साथ ही यह भी कहा कि वर्तमान सरकार में कितना कुछ बदल गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया और कहा कि बीजेपी की सरकार होते हुए भी कितना कुछ बदल गया है।

अरुण शौरी वाजपेयी सरकार में मंत्री थे उस वक्त भी बीजेपी की सरकार थी और अब भी बीजेपी की सरकार है इसको कैसे देखते हैं। इस सवाल के जवाब में अरुण शौरी ने कहा कि बहुत कुछ पीएम की पर्सनालिटी पर निर्भर करता है। आज किसी भी छोटी चीज के लिए फुल पेज का ऐड दिखता है वाजपेयी जी के वक्त ऐसा नहीं था। गुरु गोलवलकर भी इसके बहुत खिलाफ थे।
अरुण शौरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के बारे में उनके अधिकारी ही मुझे कहते है कि उनके सामने बोल नहीं सकते। मंत्री डरे हुए रहते हैं। कोई कुछ बोल नहीं पाता है उनके सामने। उनके सामने जाने और कुछ भी कहने से पहले लोग डरे रहते हैं और सोच समझकर बोलते हैं। हालांकि अटल जी की पर्सनालिटी ऐसी थी कि लोग उनसे अपनी बात कहना चाहते थे और वह सुनते भी थे। उनकी एक खास बात यह भी थी कि वह भी यह जानना चाहते थे कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं। वह पूछा करते थे और लोग बिना किसी डर के बताते भी थे।