माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज मेडिकल कॉलेज में हुई हत्या ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। सबके जेहन में पहला सवाल यही है कि आखिर इन दोनों की हत्या का मकसद क्या है?
दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक की जरायम की दुनिया को लेकर रोज हो रहे खुलासे आतंकी संगठनों से लेकर अंडरवर्ल्ड और राजनेताओं तक के लिए मुसीबत बनते जा रहे थे। वहीं अतीक के संरक्षण में चंद सालों में अरबपति बने कुछ कारोबारी भी इन खुलासों से परेशान थे।
अतीक और अशरफ की मौत के साथ ही उनके आतंकी संगठनों, आईएसआई और तमाम कुख्यात अपराधियों के बारे में होने वाले खुलासों पर भी विराम लग गया है। इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने वाले शूटरों ने पुलिस के सामने आसानी से आत्मसमर्पण कर दिया। प्रयागराज पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद बीते डेढ़ माह के घटनाक्रम पर गौर करें तो अतीक गैंग के रिश्ते आईएसआई, लश्कर ए तैयबा, अंडरवर्ल्ड और पंजाब के असलहा तस्करों तक से सामने आ चुके हैं। अतीक गैंग पर पुलिस की सख्ती दिल्ली से लेकर प्रयागराज तक कई सफेदपोश लोगों को नागवार गुजर रही थी।