सूत्रधार संस्थान द्वारा आयोजित आठ दिवसीय फिल्म, साहित्य और नाट्य उत्सव का शुभारंभ शनिवार को आजमगढ़ सिधारी स्थित शारदा टॉकीज में हुआ। फिल्म फेस्टिवल में देश और विदेश के फिल्म कलाकारों से दर्शक एवं प्रतिभागियों से संवाद किया। फिल्म फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म यशपाल शर्मा की ‘दादा लखमी’ रहीं। फिल्म में यशपाल के किरदार ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। इसके साथ ही ‘छिपकली’ एवं मंजीर नकवी की फिल्म ‘शहर’ का भी प्रदर्शन हुआ।
प्रथम सत्र में फिल्म समीक्षक अजीत राय ने पंचायत सीरीज में विनोद की भूमिका निभा चुके अभिनेता अशोक पाठक के साथ संवाद से किया। कलाकार अशोक पाठक ने कहा कि मन के किरदार करीब आ रहे हैं। अभिनय के प्रति अपने प्रेम को जताते हुए उन्होंने कहा कि एक जिंदगी में कई जिंदगियां जी लेने का सुख सिर्फ अभिनेताओं को है। लोग रोज शाम को अपना सपना जीते हैं।
अगली सुबह हकीकत से सामना होते ही, सब भूल जाते हैं। जीवन संघर्ष और अभिनय की दुनिया में सफलता का राज बताते हुए कहा कि खुद पर विश्वास रखें, एक्टर बनने नहीं, बल्कि एक्टिंग करने निकले। सुविख्यात फिल्म समीक्षक अजीत राय ने उनसे अपने फिल्मी जीवन के संघर्षों पर सवाल जवाब किया। उनका कहना था कि जब लाइफ में कुछ खोने को न हो तो आदमी पूरी शिद्दत से सफलता के लिए आगे बढ़ता है।