चंद्रयान- 3 के प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर भेजी हैं. रोवर पर 2 नेविगेशन कैमरे लगे हैं जिनसे ये फोटो क्लिक की गई है. इसमें विक्रम लैंडर पर लगा पेलोड ‘चास्टे’ सतह पर ड्रिलिंग करता दिख रहा है. ये पेलोड सतह और गहराई में तापमान मापता है. बता दें, चंद्रयान-3 का लैंडर 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर उतरा था. इसके बाद रोवर बाहर आया था. इसरो ने लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद लैंडर के रोवर से बाहर आने की पुष्टि की थी.वहीं, रोवर के कैमरों को इलेक्ट्रो- ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला ने विकसित किया है.
वहीं चांद पर पहुंचने के छठे दिन चंद्रयान ने दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा था. इसके मुताबिक चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी है. चंद्रमा की सरफेस पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है. इसके अलावा चांद की मिट्टी में मैगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन भी मौजूद हैं, जबकि हाइड्रोजन की खोज जारी है. यानी अब तक कुल 9 एलिमेंट चांद की मिट्टी में मिले हैं. प्रज्ञान रोवर पर लगे LIBS यानी लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप पेलोड ने ये ऑब्जर्वेशन भेजे हैं.
हालांकि चांद की मिट्टी पर मिली ऑक्सीजन उस फॉर्म में नहीं है कि सीधे सांस ली जा सके. ये ऑक्साइड फॉर्म में है. इससे पहले नासा ने भी चंद्रमा की मिट्टी में ऑक्सीजन का पता लगाया था. इसलिए इसरो को पहले से ही यहां ऑक्सीजन मिलने की संभावना थी. वहीं, ऑक्साइड एक केमिकल कंपाउंड की कैटेगरी है. इसकी संरचना में एलिमेंट के साथ एक या ज्यादा ऑक्सीजन एटम होते हैं. जैसे कि Li2O, CO2, H2O, आदि. H2O यानी पानी होता है. इसीलिए इसरो ऑक्सीजन मिलने के बाद अब H यानी हाइड्रोजन की खोज कर रहा है.