चीन ने किया दुनिया का सबसे चौंकाने वाला आविष्कार, अब 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकेगा अकेला इंसान

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चीन ने किया दुनिया का सबसे चौंकाने वाला आविष्कार, अब 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकेगा अकेला इंसान

बीजिंगः चीन ने इंसानी दुनिया के लिए एक और बड़ा चमत्कारी आविष्कार करके सबको चौंका दिया है। चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा  “उड़ता बैकपैक ” बनाया है, जिसकी सहायता से कोई भी इंसान 100 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ान भर सकेगा। इसे इंसानों की भविष्य की उड़ान कहा जा रहा है। यह धरती पर इंसानों का जीवन बदल देगा। इससे न तो भारी ट्रैफिक में इंसान अपना समय गंवाएगा और न ही, उसे अपनी यात्रा में ऐसी रुकावटों का सामना करना पड़ेगा। 

चीनी वैज्ञानिकों ने विकसित किया अद्भुत “उड़ता बैकपैक “

चीन के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसा उड़ने वाला बैकपैक विकसित किया है जो किसी व्यक्ति को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ने की क्षमता देता है और 1,500 मीटर की ऊंचाई तक ले जा सकता है। इस खबर ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही इंसानों की दिलचस्पी उड़ान भरने को लेकर बढ़ गई है। हर कोई इस बैकपैक के बारे में जानना चाहता है और इसे ऑर्डर कर मंगाना चाहता है। ताकि इंसान उड़ने का सपना पूरा कर सके। 

कैसे काम करता है बैकपैक?

यह उपकरण एक “फ्लाइंग बोर्ड” है। उपयोगकर्ता इस बोर्ड पर खड़ा होता है, बॉडी के संतुलन से नियंत्रण करता है। बोर्ड के नीचे-मध्य भाग में 5 छोटे टर्बो-जेट इंजन लगे हैं। ईंधन का पैक (फ्यूल पैक) उपयोगकर्ता के बैक-पैक जैसा रखा गया है, जिससे इंजन फ्यूल सप्लाई होता है। उपयोगकर्ता शरीर के संतुलन और नियंत्रण यंत्र के द्वारा उड़ान नियंत्रित करता है।  बैकपैक की अन्य खासियतें इसके साथ कोई भी व्यक्ति अपने साथ करीब 80 किलो का वजन और लेकर उड़ सकता है। उड़ान की सीमा करीब 100 किमी तक दूरी तय करने की बताई गई है। अधिकतम गति 100 से 150 किमी/घंटा तक हो सकती है। फिलहाल यह बैकपैक शोध-विकास और विशेष उपयोग (जैसे आपदा राहत, ऊंचे इलाकों में कार्य) के लिए बनाया गया है।

संभावनाएं और चुनौतियां

आपदा-राहत, पहाड़ी क्षेत्रों में पहुंच, ऊंची जगहों पर फायरफाइटिंग आदि में सहायक हो सकता है।  यह भविष्य में व्यक्तिगत ‘हवाई मोबिलिटी’ की दिशा में क्रांतिकारी कदम हो सकता है। इसमें बैटरी या ईंधन प्रोविजन की समस्या है। मतलब इंजन जेट-टर्बो हैं। इसमें ईंधन-खपत ज्यादा होगी। उड़ान नियंत्रण, स्थिरता, सुरक्षा मानक, लाइसेंस और हवा-रहित क्षेत्र आधारित नियम-व्यवस्थाएं अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। उपयोगकर्ता की सुरक्षा, ऊंचाई, गति, हवा-वातावरण की स्थिति जैसे कारक जोखिम बढ़ा सकते हैं।

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