लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश पुलिस को हाईटेक करने लिए एक नया एप यक्ष (Yaksh APP) लॉन्च किया है। इस एप के जरिए न केवल यूपी पुलिस की बीट पुलिसिंग मजबूत होगी बल्कि हर अपराधी का हर तरीके का रिकॉर्ड इस app में सेव किया जाएगा। इससे पहले अपराधियों का इतिहास दशकों से चली आ रही पुरानी परंपरा यानी रजिस्टर में सुरक्षित रखा जाता था। लेकिन तकनीकी का इस्तेमाल करने की रणनीति के तहत अब हाईटेक सिस्टम से पूरी निगरानी होगी और इसी क्रम में यक्ष एप को लॉन्च किया गया है।
एसटीएफ के मुख्यालय में बनाया गया कंट्रोल रूम
उत्तर प्रदेश एसटीएफ के मुख्यालय में इस यक्ष एप (Yaksh APP) का कंट्रोल रूम बनाया गया गया है। इस app के लिए अब पुलिस अपना पूरा डाटा ऑनलाइन करेगी। बीट थाने के पुलिसकर्मियों को app के जरिए अपनी बीट की होगी सटीक जानकारी, हर अपराधी का फोटो, उसका वॉयस सैंपल और उससे सभी जानकारियां इस ऐप पर मौजूद होंगी ।
पुलिस के लिए कैसे कारगर हथियार साबित होगा Yaksh APP?
माना जा रहा है कि यक्ष एप डिजिटल क्राइम को रोकने और अपराधियों की धर-पकड़ के लिए यूपी पुलिस के लिए कारगर हथियार साबित होगा। किसी भी फ्रॉड की धर पकड़ के बाद उससे जुड़े अपराधी का फोटो और वॉयस सैंपल लिया जाएगा ताकि भविष्य में उस अपराधी के साथ ही उसके गैंग का पूरा विवरण एप के ज़रिये पुलिस के पास मौजूद हो। चैटजीपीटी की तरह अब पुलिस क्राइम जीपीटी इस्तेमाल करेगी। क्राइम और क्रिमिनल से जुड़े हर एक पहलू पर यूपी पुलिस की पूरी नजर होगी।
योगी सरकार द्वारा अपराध नियंत्रण के लिए उठाए गए प्रमुख कदम
एंटी-माफिया टास्क फोर्स: भू-माफियाओं और संगठित अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने या ढहाने के लिए ‘बुलडोजर’ का प्रतीकात्मक प्रयोग। अब तक अरबों रुपये की अवैध संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। UPCOCA (यूपीकोका): महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण कानून लागू किया गया ताकि बड़े अपराधियों पर नकेल कसी जा सके।
ऑपरेशन क्लीन: वांछित और इनामी अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस को खुली छूट दी गई, जिसके परिणामस्वरूप हजारों मुठभेड़ें (Encounters) हुईं।
एंटी रोमियो स्क्वाड: मनचलों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की विशेष टीमों का गठन किया गया।
मिशन शक्ति: महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए एक व्यापक अभियान चलाया गया।
पिंक बूथ और महिला हेल्पलाइन: सार्वजनिक स्थानों पर महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती और 1090 जैसी हेल्पलाइन को और मजबूत किया गया। ऑपरेशन कन्विक्शन (Operation Conviction): अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए साक्ष्य संकलन और अदालती कार्यवाही में तेजी लाने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया गया। कमिश्नरेट प्रणाली: लखनऊ, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा), कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, आगरा और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई ताकि पुलिस को सीधे निर्णय लेने के अधिकार मिलें। फॉरेंसिक लैब का विस्तार: प्रदेश में फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (FSL) की संख्या 4 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है और कई अन्य निर्माणाधीन हैं। साइबर थाने: साइबर अपराध से निपटने के लिए सभी 75 जिलों में साइबर थानों की स्थापना की गई है।

