15 अप्रैल की रात 10.35 बजे। प्रयागराज के काल्विन अस्पताल के बाहर दो जीप रुकीं। जीप से पहले कुछ पुलिसकर्मी उतरे, उसके बाद अशरफ को उतारा गया। इसके बाद पुलिसकर्मी और अशरफ के सहारे से अतीक अहमद भी बाहर उतरा। अशरफ ने काली टी-शर्ट और पैंट पहन रखी थी, तो अतीक अहमद सफेद कुर्ते में था। दोनों के हाथ में हथकड़ी थी।
तभी एक शख्स पीछे से आता है और तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल से अतीक की कनपटी पर फायर कर देता है। अगले एक सेकेंड से भी कम वक्त में दो और फायर होते हैं, जो अशरफ की पसलियों में धंस जाते हैं। अफरा-तफरी के बीच सभी मीडिया और पुलिसकर्मी पीछे हट जाते हैं।
इसके बाद तीन हमलावर अगले 16 सेकेंड में 18 राउंड फायर करते हैं और फिर हाथ उठाकर धार्मिक नारे लगाते हुए सरेंडर कर देते हैं।
24 फरवरी 2023 को शुरू हुई कहानी…
प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उमेश पाल और उसके दो गनर की सरेआम हत्या कर दी गई। अगले दिन FIR दर्ज हुई, जिसमें अतीक, अशरफ, शाइस्ता, असद, गुलाम, शाबिर समेत 9 लोगों को नामजद किया गया।
ठीक 10 दिन बाद 6 मार्च को इस केस में पहला एनकाउंटर हुआ, जिसमें उमेश पाल पर पहली गोली मारने वाला शूटर विजय चौधरी मारा गया।
27 मार्च को अतीक अहमद पहली बार गुजरात के साबरमती जेल से पेशी के लिए प्रयागराज लाया गया। कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद उसे वापस साबरमती जेल भेज दिया गया।
12 अप्रैल को एक बार फिर अतीक और अशरफ को प्रयागराज लाया गया। 13 अप्रैल को अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर कर दिया गया और दूसरी तरफ अतीक और अशरफ को 4 दिन की पुलिस कस्टडी की मंजूरी मिल गई।