बदल गया अयोध्या के डीएम बँगले के बोर्ड का रंग, आखिर क्यों
बजा रहे अखिलेश यादव के बँगले की घण्टी

अयोध्या में डीएम के बंगले का बोर्ड भगवा से लाल होने के बाद अब खबर आ रही है कि अखिलेश से मिलने के लिये नौकरशाहों ने बंगले की घण्टी बजाना शुरू कर दी है. यह हम नहीं मीडिया रिपोर्ट और कई पत्रकार साथी बता रहे हैं. मगर अखिलेश बहुतों से मिलने से मना कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ नौकरशाहों ने बदलते समीकरण के मद्देनजर अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट्स रहे कार्यों की साफ सफाई भी करानी शुरू कर दी है. कई अफ़सरान आगामी सत्ता को सेट करने के लिये वेट नहीं करना चाहते ताकि उनपर अखिलेश की नजरें इनायत रहें. वह बदलाव की बयार को महसूस कर रहे हैं. क्योंकि ऊपर से नीचे तक के पुलिस प्रशासनिक अमले से उनको अंदरूनी टोह मिल चुकी होगी.
इसको इस बात से भी समझिए कि पूर्व में ग्राउंड रिपोर्ट का दावा करने वाले बहुत से न्यूज चैनल्स अचानक से शांत हो चुके हैं. माने बीजेपी/योगी जी के पक्ष में उन्होंने माहौल बनाना बन्द कर दिया है.
खैर… पुनः यह दोहराता हूँ… कि पत्रकारों के लिये एक समान होता है. कम से कम हमारे जैसों के लिये जो स्थायी तौर पर विपक्षी बने रहते हैं. माने सरकार किसी की भी बने उनकी कलम सरकार की कमियों पर चलेगी.
वैसे बता दूं कि “नई हवा है नई सपा में” जो बदलाव दिखा वह यह है कि अखिलेश एक परिपक्व राजनेता की तरह हर कदम फूंक फूंक कर उठाते आये हैं. पूर्व की सरकार में जो बदनामी के कारण बने थें, उनको किनारे लगाते आये हैं. इस चुनाव में “चच्चा, बाउ, ताऊ” के कुछ चहेतों को टिकट से भी वंचित कर दिया. कारण कि वह उनकी वरदहस्ती की वजह से बेलगाम हो जाते थें.
अगर इस बार अखिलेश सरकार बनती है तो जो भी सपा नेता सरकार की किरकिरी का कारण बनेगा. उसे अखिलेश किनारे करने में तनिक भी देर नहीं करेंगे, यही बात नौकरशाहों पर भी लागू होंगी. बहरहाल इंतजार करिये आज से सप्ताह भर बाद का जब ईवीएम का पिटारा यह बतायेगा की सत्ता कौन चलाएगा… कमल खिलेगा या साईकिल दौड़ लगाएगी।
विनय मौर्या (वरिष्ठ पत्रकार)