‘महाराष्ट्र की भलाई के लिए मैं बुरा बन गया तो भी चलेगा, आप धोखा मत करिए’, उद्धव ने खेला इमोशनल कार्ड

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‘महाराष्ट्र की भलाई के लिए मैं बुरा बन गया तो भी चलेगा, आप धोखा मत करिए’, उद्धव ने खेला इमोशनल कार्ड

महाराष्ट्र में निकाय चुनाव की बीच उद्धव ठाकरे ने वोटरों को लुभाने के लिए इमोशनल कार्ड खेला है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की भलाई के लिए अगर वह बुरे भी बन जाते हैं तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने लोगों से धोखा न करने की अपील की। शिवसेना यूबीटी नेता ने बीजेपी पर उनका इस्तेमाल करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की भलाई के लिए उन्होंने राज ठाकरे से हाथ मिलाया है और इतने साल बाद शिवसेना और मनसे साथ आए हैं।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की सुरक्षा सिर्फ शिवसेना ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि जब धनुष-बाण का निशान छीन लिया गया, तो सोचिए हमें मशाल कैसे मिली। मैं आपसे अपील करता हूं, कृपया हमारे साथ धोखा मत कीजिए। आप में से कोई भी दल-बदल न करे। एक पल के लिए मेरी कुर्सी पर बैठकर देखिए। मैं चार नाम देता हूं, उनमें से किसी एक को टिकट दे दीजिए। महाराष्ट्र की भलाई के लिए अगर मुझे विलेन भी कहा जाए, तो भी मंजूर है। लेकिन अपनी वफादारी मत बेचिए।

बीजेपी पर लगाए आरोप

उद्धव ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा, “बीजेपी ने हमारा गलत इस्तेमाल किया, कांग्रेस का अनुभव भी आपको हो गया है। इतने वर्षों बाद, हमने मराठी अस्मिता के लिए मनसे के साथ गठबंधन किया है। गठबंधन में, चीजें हमेशा वैसी नहीं होतीं जैसी कोई चाहता है। हमें अपने कुछ हक के वार्ड छोड़ने पड़ रहे हैं। हम दोनों ने साथ आने का फैसला क्यों किया? यह एक इमोशनल लड़ाई है। मैं आपके सपोर्ट से शिवसेना को आगे बढ़ा रहा हूं। अगर किसी को टिकट नहीं मिलता और वह तुरंत बीजेपी में चला जाता है, तो क्या पार्टी चीफ के सारे फैसले हमेशा उसकी मर्जी से होते हैं? सोचिए हम किसके खिलाफ लड़ रहे हैं। यह साफ-साफ याद रखिए। क्या वे शिवसेना को खत्म करना चाहते हैं? आज आप में जोश है। वह दिख रहा है, लेकिन यह सेलिब्रेशन 16 तारीख को दिखना चाहिए।”

किस्मत बहादुरो को चुनती है

उद्धव ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा, “मैं आज यहां से घर जाकर नाम फाइनल करूंगा। बहुतों को टिकट नहीं मिलेंगे। जरूरी यह है कि आपका वार्ड जीता जाए। छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से इस भगवा झंडे ने कई बंटवारे देखे हैं। किस्मत बहादुरों को चुनती है, कायरों को नहीं।”

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