24 फरवरी को जब उमेश पाल की हत्या हुई तब से अतीक अहमद की उलटी गिनती शुरू हो गई थी। पिछले 50 दिनों में अतीक का पूरा परिवार फरार रहा है और उसका बेटा असद झांसी में मुठभेड़ में मारा गया। अब बीती रात प्रयागराज में अतीक और उसके भाई को गोलियों से भुन दिया गया। इस बीच माफिया डॉन की प्रयागराज में 1,400 करोड़ रुपये की संपत्ति और उसकी कई संपत्तियों को भी सरकार ने ध्वस्त कर दिया है।
अपनी मौत से एक दिन पहले, गैंगस्टर ने कहा था “हम तो मिट्टी में मिल गए”। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग 50 कंपनियों को खोज निकाला, जिनका अतीक और उसके गिरोह ने अपने काले धन को सफेद करने के लिए इस्तेमाल किया था।
प्रयागराज में मारे जाने से एक दिन पहले, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उसके पास मौजूद हथियारों के एक बड़े जखीरे का पता लगाया था। अतीक और उसके गिरोह की 1,400 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय की 15 टीमों ने भी अतीक के खिलाफ अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच तेज कर दी है और 108 करोड़ रुपये की अन्य संपत्ति का खुलासा किया है।
सामने लाई गई सभी कंपनियां काले धन के व्यापार नेटवर्क में शामिल थीं और ईडी का जाल एक वकील, अतीक के अकाउंटेंट, एक रियल एस्टेट व्यवसायी, एक पूर्व बसपा विधायक, एक बिल्डर और एक कार शोरूम के मालिक पर गिरा। उसके पांच बेटों में से एक की मौत हो चुकी है, दो जेल में हैं और दो नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं।
उसकी पत्नी शाइस्ता फरार है और उसके मारे गए भाई अशरफ की पत्नी भी फरार है। उसकी बहन नूरी छिपी हुई है और बहनोई अख़लाक़ जेल में है। उसके रिश्तेदार उसके और उसके परिवार के साथ किसी भी तरह के संबंध को स्वीकार करने से डरते हैं।