अमेरिकी नागरिकों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले आरोपी अमित कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसके साथी चीन और दुबई में भी हैं। एक आरोपी दिल्ली एनसीआर का रहने वाला है। वह करोड़ों की ठगी में पकड़ा गया था। बाद में जेल से छूटने के बाद भाग गया। चीन के साथियों की मदद से अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर लेता है।
कोलकाता निवासी इरफान मलिक काॅल सेंटर चलाता है। आरोपी यूएस नागरिकों के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते हैं। इसमें विभिन्न सेवाएं कम कीमत में दिलाने का आश्वासन दिया जाता है। उनके निशाने पर 60 से 70 उम्र के लोग रहते हैं। जब लोग काॅल करते हैं, तो आरोपी एनी डेस्क एप डाउनलोड कराकर उनके कंप्यूटर को हैक कर लेते। गलती से रकम उनके खाते में ट्रांसफर होने की बात करते।
इसके बाद एफबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करते और जब लोग जाल में फंस जाते, तो उनसे दो हजार से लेकर 10 हजार अमेरिकी डाॅलर तक चीन के साथी के खाते में ट्रांसफर करा लेते। फिर यह रकम दुबई, हांगकांग, वियतनाम, सिंगापुर के खातों में भेजी जाती। कई लोगों से ठगी करने के बाद हवाला के माध्यम से 60 से 65 प्रतिशत तक रकम भारत भेज दी जाती है। इसे गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते। एसटीएफ अब इरफान की तलाश में जुटी है।
एक साल नौकरी की, काॅल सेंटर खोला, फिर गया जेल
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी अमित ने बताया कि इरफान यूएस नागरिकों के ईमेल आईडी पर मल्टीपल मेल भेजता है। इसके बाद उनके कंप्यूटर को हैक कर लिया जाता है। अमित ने एक साल नाैकरी के बाद अपना काॅल सेंटर खोला था। इसमें वो ठगी करने लगा। कोरोना काॅल में उसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जेल भी भेजा था मगर छूटने के बाद वो फिर से ठगी करने लगा। हर दिन दो से तीन लोग गिरोह के जाल में फंस जाते।

