भूकंप के झटकों से हिली जापान की धरती, क्या सही साबित होगी 5 जुलाई को ‘रयो तात्सुकी’ की तबाही वाली भविष्यवाणी?

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तेज भूकंप के झटकों से जापान की धरती हिल गई। शनिवार को जापान के कागोशिमा (Kagoshima) में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.4 मापी गई है। इस भूकंप का केंद्र जमीन के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई पर था। अर्थ क्वैक ट्रैक के अनुसार, शनिवार को जापान में अब तक दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दूसरा भूकंप भी कागोशिमा में आया है। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 आंकी गई है। ऐसे में जापान में अलग ही भय का माहौल है।

जापान के लिए यात्रा रद्द कर रहे लोग

दशकों पुरानी मंगा भविष्यवाणी में दावा किया गया था कि 5 जुलाई, 2025 को जापान में भयंकर आपदा आएगी, जिससे पूरे एशिया में चिंता फैल गई है। कई अटकलों के बाद 5 जुलाई को जापान में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे लोगों के अंदर डर बैठ गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भयंकर आपदा, भूकंप या सुनामी के डर से लोग जापान जाने की यात्रा भी रद्द कर रहे हैं।

रयो तात्सुकी ने की भविष्यवाणी

यह भविष्यवाणी 2021 में लिखी गई मंगा ‘द फ्यूचर आई सॉ’ पर आधारित है, जिसे रयो तात्सुकी (Ryo Tatsuki) ने लिखा है। रयो तात्सुकी को ‘जापान के बाबा वंगा’ के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने 1995 के कोबे भूकंप और 2011 के तोहोकू सुनामी की भी भविष्यवाणी की थी।

पिछले दो हफ्तों में 1000 से अधिक भूकंप के झटके

जापान के कागोशिमा प्रान्त में टोकारा द्वीप समूह में पिछले दो हफ्तों में 1000 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। गुरुवार (3 जुलाई) को आया भूकंप इतना शक्तिशाली था कि लोगों को खड़े होने में भी कठिनाई हुई। बार-बार आ रहे भूकंपों के बाद, जापानी सरकार ने द्वीपों में रहने वाले लोगों के लिए खास चेतावनी जारी की है। जापानी सरकार ने द्वीपों के दक्षिण-पश्चिम में इस तरह के और अधिक भूकंप आने की संभावना के बारे में चेतावनी दी है।

2021 को जारी किया गया कॉमिक बुक का नया संस्करण

रयो तात्सुकी की 1999 की कॉमिक बुक, जिसका नया संस्करण 2021 में जारी किया गया है। उसमें दावा किया गया कि अगला बड़ा भूकंप इस साल 5 जुलाई को जापान में आएगा। इससे पूरे एशिया में एक नई ताबाही दिखेगी। इसमें सुनामी जैसी गतिविधि भी शामिल है। शनिवार को कागोशिमा में आए भूकंप से लोगों में ये डर और भी ज्यादा गहराता जा रहा है।

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