न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Sun, 19 Mar 2023 11:22 AM IST
सार
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हस्तिनापुर में चल रहे जैविक कृषि ‘कृषक संगम’ के तीसरे दिन किसान गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने किसानों को गौ आधारित खेती करने के लिए प्रेरित किया। इससे पहले उन्होंने प्राचीन स्थलों के दर्शन किए।

मोहन भागवत। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हस्तिनापुर में चल रहे जैविक कृषि ‘कृषक संगम’ के दूसरे दिन किसान गोष्ठी के तीसरे दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज किसानों को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने ऐतिहासिक नगरी के प्राचीन स्थलों के दर्शन किए। नगरी में मौजूद प्राचीन स्थलों का भ्रमण कर विधि विधान से पूजा-अर्चना की।
मेरठ के हस्तिनापुर, जंबूद्वीप में चले तीन दिवसीय कृषि संगम में रविवार को आखिरी दिन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रासायनिक खेती छोड़कर गौ आधारित खेती अपनाएं। खेती का यह परिवर्तन देश के लिए नहीं पूरी दुनिया के लिए आवश्यक है। पूरे भारतवर्ष के लिए आवश्यक है। भारतवर्ष का मतलब पूरी दुनिया के लिए। खेती की हमारी परंपरा 10000 सालों से चल रही है। खेती सुधार कर ऐसा जीवन जीना पड़ेगा जो दुनिया के लिए मार्गदर्शक का काम करेगा। समाज में परिवर्तन लाना है और भारत दुनिया को यह देना चाहता है और लोग दुनिया को भी भारत से लेना चाहती है।
रसायन वाली खेती करने से रसायन हमारे अंदर जा रहे हैं और बीमार कर रहे हैं। हमारे पास खेती करने का सही रास्ता है और हमें उस रास्ते पर चलना होगा। तात्कालिक उपज की वजह से वायु, जल और पृथ्वी विषैले हो रहे हैं। ऐसा हमें अपने लंबे अनुभव से पता चल चुका है। भूमि का दोहन करें, उसे विषैला में बनाएं। उन्होंने किसानों को जैविक खेती का महत्व बताया। सर संघचालक ने मोती धनष मंडप हस्तिनापुर में किसानों को गौ आधारित खेती का संदेश दिया। दोपहर 3:24 बजे उनका संबोधन शुरू हुआ। इससे पहले उन्होंने जंबूद्वीप में ही किसानों से मुलाकात और अंतरिम सेशन लिया।
भारतीय किसान संघ के तत्वाधान में हस्तिनापुर में चल रहे तीन दिवसीय गौ आधारित जैविक कृषि कृषक सम्मेलन कार्यक्रम में तीसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉक्टर मोहन भागवत ने महाभारत कालीन ऐतिहासिक नगरी में मौजूद प्राचीन स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने सबसे पहले महाभारत कालीन प्राचीन पांडेश्वर महादेव मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना की और प्राचीन मंदिर में स्थित शिवलिंग का महत्व जाना। आचार्य मुकेश शांडिल्य ने उन्हें प्राचीन जयंती माता शक्तिपीठ और प्राचीन पांडेश्वर महादेव मंदिर के प्राचीन महत्व को बताया। उसके बाद वह प्राचीन कर्ण मंदिर पर पहुंचे, जहां पर मंदिर के में शंकर देव महाराज ने दुनिया के दुर्लभ स्थान में से एक यह स्थान के बारे में बताया कि यह वही स्थान है, जहां पर महाभारत के समय में कर्ण गरीबों को हर रोज सोना दान करते थे। उसके बाद नेचुरल साइंस से ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रियंक भारती ने मोहन भागवत को हस्तिनापुर में मौजूद प्राचीन बूढ़ी गंगा के महत्व को बताया। साथ ही कई महाभारत कालीन घटनाओं से रूबरू कराया।
मोहन भागवत से मिले जंबूद्वीप के प्रबंधन अधिकारी
जंबूद्वीप के प्रबंधक अधिकारी विजय कुमार जैन के नेतृत्व में प्रबंधन टीम के आधा दर्जन लोगों ने जंबूद्वीप परिसर में बांग्ला नंबर 10 में ठहरे मोहन भागवत से मुलाकात की। इस अवसर पर विजय कुमार जैन ने मोहन भागवत से महाभारत कालीन ऐतिहासिक नगरी से जुड़े जैन धर्म के प्राचीन इतिहास से संबंधित कई बिंदुओं पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि ज्ञानमती माता इन दोनों अयोध्या अयोध्या में कार्यक्रम में व्यस्त हैं। जंबूद्वीप उन्हीं की पावन प्रेरणा से बनाया गया है, जो देश-विदेश में विख्यात है।
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