मुंबई। महाराष्ट्र में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर सियासी हंगामा लगातार जारी है। विधानसभा चुनाव में विपक्षी महा विकास आघाडी (MVA) को करारी हार मिली है और वो ये हार स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है। एमवीए की हार का ठीकरा विपक्ष लगातार EVM पर फोड़ रहा है।
विपक्ष अब EVM की विश्वसनीयता के खिलाफ एक राष्ट्रीय विरोध की योजना बना रहा है। इसके चलते अब एमवीए के हारे हुए उम्मीदवार अपने-अपने क्षेत्रों में EVM और वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) यूनिट से वोटों का मिलान कराएंगे।
उद्धव ठाकरे ने MVA उम्मीदवारों से की मुलाकात
महाराष्ट्र चुनाव में विपक्ष अपनी बुरी हार के लिए पूरी तरह से ईवीएम को जिम्मेदार मानता है। एमवीए ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने के लिए अदालत का रुख करने की भी योजना बनाई है।
विपक्षी दलों की लंबे समय से चली आ रही चिंता को दूर करने के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कानूनी टीमें बनाने के लिए उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने बुधवार को पराजित एमवीए उम्मीदवारों से मुलाकात भी की।
हार मानने को तैयार नहीं MVA
MVA ने महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे का जोरदार विरोध किया है, जिसमें भाजपा, शिवसेना व एनसीपी की महायुति गठबंधन ने जोरदार जीत हासिल की है। शरद पवार की पार्टी ने 86 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने अपने हारने वाले उम्मीदवारों से मतदान संख्या की पुष्टि के लिए VVPAT के विश्लेषण का अनुरोध करने का आग्रह किया है।
कांग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन
महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 235 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। भाजपा ने अकेले 132 सीटें जीतीं – जो कि महाराष्ट्र चुनाव में उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। दूसरी ओर विपक्षी MVA ने केवल 49 सीटें जीतीं जिसमे शिवसेना (UBT) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (शरद पवार) को सिर्फ 10 सीटें मिलीं।