मजाक-मजाक में नितिन गडकरी ने अधिकारियों को दे डाली सलाह, फाइलें लटकाने पर कही ये बात

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मजाक-मजाक में नितिन गडकरी ने अधिकारियों को दे डाली सलाह, फाइलें लटकाने पर कही ये बात

नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी के स्थापना दिवस के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मंच से हसी-मजाक में ही अधिकारियों को फाइलें लटका कर न रखने की सलाह दे दी। केंद्रीय मंत्री ने मंच से कहा, “किसी भी मामले पर निर्णय न होना लोगों के लिए तकलीफ की बात होती है। और निर्णय समय पर होना चाहिए। हमारे यहां लाखों-करोड़ों के प्रोजेक्ट्स हैं जिनपर निर्णय नहीं होते और इससे लोगों को बहुत तकलीफ होती है। जिसको एक तारीख को तनख्वाह मिलती है वो डिले का अर्थ कभी नहीं समझ सकता।”

बाला साहेब ने दिया मंत्र

नितिन गडकरी ने कहा, “एक बार मैं जब महाराष्ट्र सरकार में मंत्री था, तो मैं बाला साहेब के पास गया कि काम होता नहीं है। उन्होंने अग्रेजी में लिखा एक वाक्य मुझे दिया उस पर लिखा था- I like people who can gets the work done. बाला साहेब ने कहा कि मैंने तुम्हे मंत्री बनाया अब तुम्हे क्या करना है तुम करो और वही बात मैं सीख गया। मैं भी अब अपने अधिकारियों से कहता हूं कि मैं कुछ नहीं जानता, तुम्हें करना पड़ेगा।”

अधिकारियों को दी सलाह

एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा, “मैं अपने एक अधिकारी को कहा कि आप तो बहुत बड़े आदमी हो। तो उसने पूछा कि क्या हुआ साहब। तब मैंने कहा कि पुराने इतिहास में कहानी होती है बड़ी-बड़ी कि प्रेयसी के लिए ( प्रेमिका के लिए) प्रिय वह कितना प्रेम करता है। आप भी उसी अमर प्रेम के खास साक्षात्कार हो। अधिकारी ने कहा क्यों। तो मैंने कहा कि आपकी क्या बात बताएं, आप पत्नी से ज्यााद प्यार फाइलों से करते हो कि एक बार फाइल आ गई तो दबा के बैठ जाते हो। तब उनको ध्यान आया। मैंने कहा कि अरे जो भी निर्णय करना है करो और उसे खत्म करो।”

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