नई दिल्ली। 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से सावन महीने की शुरूआत हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार कांवड़ यात्रा के तैयारी में लगी हुई है। इस बीच मुजफ्फनगर प्रशासन का एक निर्देश पर बवाल मचा हुआ है। इस निर्देश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा के दौरान मार्ग पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों को अपनी दुकानों पर मालिक और यहां काम करने वाले लोगों का नाम लिखना अनिवार्य है।
पुलिस ने हाईवे व नगर में आदेशों का पालन कराना भी शुरू कर दिया है। इसे लेकर देशव्यापी बहस शुरू हो गई है। इसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एक्स पर पोस्ट की है।
उन्होंने पोस्ट किया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश व मुजफ्फरनगर जिले के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेले आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परंपरा है, जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले।
इस निर्देश के खिलाफ AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हम इसकी निंदा करते हैं क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो अस्पृश्यता की बात करता है। इसलिए उप्र सरकार अस्पृश्यता को बढ़ावा दे रही है…
दूसरी बात, जब से उप्र सरकार ने आदेश दिया है, मुजफ्फरनगर की सभी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है…क्या आप केवल एक समुदाय के लिए काम करेंगे? संविधान कहां है? मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है तो वे लिखित आदेश जारी करें…।”