पीलीभीत में समाज कल्याण विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही आई सामने। बता दें कि यहां एक ज़िंदा महिला को मृत घोषित किया गया है। जबकि पिछले 7 साल से विभाग के चक्कर लगा रही महिला के मीडिया में आने के बाद अधिकारियों के होश उड़ गए हैं।
क्या है पूरा मामला
देश में कई बार सरकारी विभाग की लापरवाही के कारण किसी भी ज़िंदा इंसान को जिंदा होने के बावजूद भी उसे मृत घोषित कर दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला मैनपुरी जिले के विकास खण्ड पूरनपुर की ग्राम पंचायत लुकटिहाई से सामने आया है।
सरकारी रिकार्डों में मृत घोषित कर दी गईं लुकटिहाई गांव की बुज़ुर्ग महिला सरस्वती देवी के लिए बैंक से अपनी रकम निकलवाना मुश्किल हो गया है और उनकी बुढ़ापा पेंशन भी बंद हो गई है। स्वयं को जिंदा साबित करने के लिए उन्हें करीब सात वर्ष से भी अधिक समय हो गया है और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
ज़िला समाज कल्याण विभाग के द्वारा बैंक को लेटर भेजा गया है, जिसमें सरस्वती देवी को मृत घोषित करते हुए उनका बैंक एकाउंट बंद करवा दिया गया है। सरस्वती देवी का कहना है कि वह न्याय के लिए लगातार गुहार लगा रही हैं फिर भी कोई सुनने को तैयार नहीं है। जब वह बैंक जाती हैं तो बैंक में उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि वह तो मर चुकी हैं।
वहीं गांव के ग्राम प्रधान का कहना है कि “सरस्वती देवी को मृत घोषित करने में किसका हाथ है यह जांच का विषय है। आखिर समाज कल्याण विभाग ने बगैर कोई जांच करे और बगैर मृत्यु सर्टिफिकेट के कैसे बैंक को लेटर जारी करके सरस्वती देवी को मृत घोषित कर दिया। यह समाज कल्याण विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही है।”
वहीं मौजूदा समाज कल्याण अधिकारी विपिन वर्मा का कहना है कि “मामला काफी पुराना है अब उनके संज्ञान में आया है। वह इसकी जांच करा रहे हैं और जांच के उपरांत ही कोई कार्रवाई या पेंशन के बारे में बात कर पाएंगे।”