यूक्रेन विवादित क्षेत्रों पर भी बातचीत को तैयार, क्या थमेगी जंग?
रूस से जंग का सामना कर रहा यूक्रेन (Russia-Ukraine War) अमेरिका और NATO के ‘धोखे’ से नाराज है.

रूस से जंग का सामना कर रहा यूक्रेन (Russia-Ukraine War) अमेरिका और NATO के ‘धोखे’ से नाराज है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) कई बार अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं. अब उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनके देश को नाटो का सदस्य बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है. बता दें कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे रूस लगातार पश्चिमी समर्थक यूक्रेन पर हमले की एक बड़ी वजह बताता रहा है. लिहाजा अब उम्मीद की जा सकती है कि रूस युद्ध रोकने पर विचार करे.
इस मुद्दे पर भी समझौते को तैयार
रूसी सेना के हमलों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने कहा कि नाटो रूस से नहीं भिड़ेगा और अब हम इस गठबंधन में शामिल होना नहीं चाहते. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि वो दो रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति पर समझौते को लेकर खुला रुख रखते हैं. जिन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर हमले के पहले स्वतंत्र देश घोषित किया था.
इस मुद्दे पर भी समझौते को तैयार
रूसी सेना के हमलों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) ने कहा कि नाटो रूस से नहीं भिड़ेगा और अब हम इस गठबंधन में शामिल होना नहीं चाहते. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि वो दो रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति पर समझौते को लेकर खुला रुख रखते हैं. जिन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर हमले के पहले स्वतंत्र देश घोषित किया था.
‘घुटनों के बल बैठकर भीख नहीं मांगेंगे’
जेलेंस्की ने एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मैं इस सवाल के बारे में बहुत पहले ही शांत हो गया था जब हम समझ गए थे कि नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. नाटो गठबंधन विवादित चीजों से भयभीत है और रूस से टकराव से भी’. नाटो सदस्यता पर जेलेंस्की ने कहा कि वह किसी ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल बैठकर किसी चीज की भीख मांगे. बता दें कि नाटो गठबंधन की स्थापना शीत युद्ध की शुरुआत में यूरोप को सोवियत संघ से बचाने के लिए की गई थी.
अब क्या चाहते हैं व्लादिमीर पुतिन?
रूस नाटो के विस्तार को अपने लिए खतरे के तौर पर देखता है. उसकी चिंता है कि नए पश्चिमी सदस्यों की वजह से नाटो की सेना उसके बॉर्डर के काफी करीब पहुंच जाएगी. यही वजह है कि वह यूक्रेन के नाटो गठबंधन में शामिल होने का लगातार विरोध करता रहा है. यूक्रेन पर हमले का आदेश देने से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दी थी. पुतिन अब चाहते हैं कि यूक्रेन भी इन क्षेत्रों को संप्रभु और स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे.
जेलेंस्की बोले- हम चर्चा कर सकते हैं
जब यूक्रेन के राष्ट्रपति से रूस की डिमांड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह बातचीत करने के लिए तैयार हैं. वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा, ‘मैं सुरक्षा गारंटी के बारे में बात कर रहा हूं. इन दो क्षेत्रों को रूस के अलावा किसी ने भी मान्यता नहीं दी है. लेकिन हम चर्चा कर सकते हैं और समझौता कर सकते हैं कि ये क्षेत्र कैसे रहेंगे’. उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह जरूरी है कि इन क्षेत्रों के वे लोग कैसे रहेंगे जो यूक्रेन का हिस्सा बनना चाहते हैं. इसलिए यह सवाल उन्हें मान्यता देने से ज्यादा मुश्किल है. प्रेसिडेंट ने आगे कहा कि यह एक और अल्टीमेटम है और हम अल्टीमेटम के लिए तैयार नहीं है. पुतिन के लिए जरूरी है कि उन्हें बातचीत शुरू करनी चाहिए.