
उसके पीछे बैंड बाजे के साथ महिलाएं पुरुष एवं बच्चे भी कीर्तन करते हुए दिखाई दिये. शोभा यात्रा के दौरान सिख समुदाय के लोगों ने पुष्प वर्षा करते हुए जगह जगह पर शोभा यात्रा का स्वागत किया. शोभा यात्रा पूरे गांव में घूमने के बाद पुनः धनौली गुरुद्वारे में समाप्त हुई. इस दौरान पालकी साहब आकर्षण का केंद्र बना हुआ था पंच प्यारे के साथ अन्य सहयोगी युद्ध कला के हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए चल रहे थे वाहेगुरु जी खालसा वाहेगुरु दी फतेह के नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा. गुरुद्वारे के प्रबंधक चरनजीत सिंह ने बताया कि 8 जनवरी रविवार को प्रकाशपर्व मनाया जाएगा जिसके उपलक्ष्य में ये शोभायात्रा निकाली गई है.
रिपोर्ट: सय्यद रेहान कादरी बहराइच