वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी गाड़ी की बोगी में फौजियों पर दो महिलाओं ने बलात्कार का आरोप लगाया है। सूचना पर पहुंची डायल 112 ओर जीआरपी थाना पुलिस ने आरोपी फौजियों को और महिलाओं को हिरासत में लेकर थाने ले आई। यहां उनसे पूछताछ शुरू कर दी है।
रविवार शाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन पर यार्ड में खड़ी ट्रेन में दो महिलाओं के साथ दुष्कर्म की खबर से हड़कम्प मच गया। महिलाओं ने फौजियों पर रेप का आरोप लगाया है। महिलाओं ने डायल 112 पर सूचना देकर पुलिस की मदद मांगी। मामला उलझते देख डायल 112 टीम ने जीआरपी थाने को सूचना दी तो जीआरपी फोर्स मौके पर पहुँच गया और घटना की जांच शुरू कर दी है। वहीं मामले की गम्भीरता को देखते हुए सेना को सूचना दी गयी तो सेना के अधिकारी भी पहुँच गए और पूछताछ शुरू कर दी।वही महिलाओं का कहना है की उन्हे एक फौजी पहचानता था वही लेकर आया था। बात केवल दो की हुई थी चार लोगों ने उनके साथ गलत काम किया।वही फौजियों ने आरोप लगाते हुए बताया की दोनो महिलाएं हमारी बोगी में घुस आईं और मोबाइल चोरी कर ले गई थी।कहना है की बिना अनुमति के हमारी बोगी में महिलाए कैसे घुसी।वहीं मो, नईम मंसूरी, सीओ, जीआरपी ने बताया दो महिलाओं द्वारा पुलिस को सूचना दी गई थी। कि वह अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए स्टेशन पर गई थी। उसी वक्त उनके पास एक व्यक्ति आया और उनसे किसी से बात करने के लिए मोबाइल मांगा और महिलाओं ने वह मोबाइल उस व्यक्ति को दे दिया। और व्यक्ति महिलाओं का फोन लेकर स्टेशन बने मिलिट्री कोच में चला गया। वहां पर पहले से दो व्यक्ति मौजूद थे। जो मिलिट्री के जवान हैं महिलाओं ने उन तीनों पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है महिलाओं के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और आगे की कार्रवाई भी की जा रही है। साथ ही उन्होंने बताया कि महिलाओं ने तीन व्यक्तियों पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है जिसमें से दो को गिरफ्तार कर लिया है और एक सेना का जवान जो मौके से फरार हो गया उसकी तलाश की जा रही है सीओ जीआरपी नईम मंसूरी ने बताया इसकी सूचना सेना के अधिकारियों को दे दी गई है और सेना के अधिकारी भी जांच करने के लिए जीआरपी थाने पहुंच गए हैं। गौरतलब है की आरोप लगाने बाली ये महिलाएं झांसी जिलाधिकारी कार्यालय के पास बैठी रहती हैं। और वहां बैठकर अनैतिक कार्य करती है। और कुछ महिलाएं एसएसपी ऑफिस के पास जेल चौराहे पर बने विश्राम स्थल पर शाम होते पहुंच जाती है। जिससे वहां से निकलने और बस का इंतजार करते लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता। दिन भर इस रास्ते से जिले के बड़े बड़े अधिकारियों का गुजरना रहता है। पर आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। माना जा रहा है की इस घटना के होने बाद शायद अब किसी प्रकार की कार्यवाही की जा सके।