छत्तीसगढ़ में 14वें मंत्री को लेकर बवाल जारी, हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस, डिप्टी सीएम ने दिया हरियाणा का उदाहरण

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छत्तीसगढ़ में 14वें मंत्री को लेकर बवाल जारी, हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस, डिप्टी सीएम ने दिया हरियाणा का उदाहरण

छत्तीसगढ़ में 14वें मंत्री को लेकर बवाल जारी है। विपक्षी दल कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उसने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि राज्य मंत्रिमंडल में अभी 14 सदस्य हैं, जो संवैधानिक सीमा से ज्यादा है। राज्य कांग्रेस के कम्युनिकेशन विंग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “संविधान के अनुसार, मुख्यमंत्री सहित राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या विधानसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती। इसलिए छत्तीसगढ़ में अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने बिना किसी संवैधानिक अनुमति के 14 सदस्यों को शामिल कर लिया।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है और इस पर अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

20 अगस्त को कैबिनेट में शामिल हुए थे 3 विधायक

20 अगस्त को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कैबिनेट में तीन बीजेपी विधायकों को शामिल किया गया था, जिससे इसकी संख्या 14 हो गई। छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यीय विधानसभा है। 91वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम में ’15 प्रतिशत’ नियम लागू होने के बाद से राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 13 सदस्य रहे हैं। यह पहला मौका है, जब छत्तीसगढ़ में 14 मंत्री बनाए गए हैं।

डिप्टी सीएम ने दिया हरियाणा का उदाहरण

विपक्ष के नेता चरण दास महंत ने पिछले महीने राज्यपाल रामेश्वर देव के नाम एक पत्र लिखकर मांग की थी कि मंत्रिमंडल से एक मंत्री को हटाया जाए, क्योंकि इसकी सदस्य संख्या संवैधानिक सीमा से ज्यादा है। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा था कि सरकार ने हरियाणा का उदाहरण अपनाया है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के इस राज्य में 90 सदस्यीय विधानसभा और 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल है और यह संवैधानिक नियमों के अनुसार किया गया है।

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