ग्रामीणों को आसानी से जन्म-मृत्यु, आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने पंचायत सहायकों को जिम्मेदारी दी है। गाजीपुर जिले के 1150 ग्राम पंचायतों में सहायकों की तैनाती के बावजूद रोज करीब दस हजार लोगों को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए तहसील व जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसकी वजह पंचायत सहायक गांवों में बने सचिवालय में बैठने में रुचि नहीं लेते और झोले में ही सिस्टम संचालित करते हैं। मोबाइल पर एप से काम करते हैं और फाइलों को झोले में लेकर चलते हैं।
जनपद के 16 ब्लॉकों में करीब 1238 ग्राम पंचायत व 2728 राजस्व गांव है। इनमें सभी ग्राम पंचायत में कार्यालयों के भवन बने हैं। 1150 पंचायत भवन में सहायक की तैनाती हो चुकी है। जबकि 88 पंचायत भवनों में अभी तक पंचायत सहायकों की तैनाती नहीं है।
पंचायत सहायकों का काम कार्यालय में पहुंच रहे ग्रामीणों का जन्म, मृत्यु, आधार, आय, जाति, निवासी प्रमाण पत्र बनाना है। इसके अलावा पंचायत से जुड़े कार्यों की ग्रामीणों को जानकारी देनी है, लेकिन ये पंचायत सहायक अधिकांश समय कार्यालय से ही नदारद रहते हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि पंचायत सहायक सहायता के लिए हैं, लेकिन उनका मिलना ही दूभर है। इससे ग्रामीणों के काम लटके रहते हैं। सचिवालय के ताले सिर्फ बैठक के लिए ही खुलते हैं। बुधवार को अधिकांश कार्यालय बंद मिले।

