उमेश पाल हत्याकांड में एक और खुलासा सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। फुटेज के अनुसार, अगर छह सेकंड की देरी हुई होती तो इस जघन्य वारदात में एक और निर्दोष की जान चली जाती। वह कोई और नहीं बल्कि उमेश पाल की रिश्तेदार किशोरी थी, जो बम से हुए हमले में बाल-बाल बची थी। घटना के 24 दिन बाद सामने आए एक और सीसीटीवी फुटेज में इसका खुलासा हुआ है।
58 सेकंड के सीसीटीवी फुटेज को देखने से पता चलता है कि बम गोलियों से हमले के दौरान उमेश पाल की रिश्तेदार किशोरी बाल-बाल बची थी। फुटेज के मुताबिक 24 फरवरी को शाम 4:56 मिनट पर यह वारदात अंजाम दी गई। वीडियो फुटेज की शुरुआत 4:56:44 सेकंड पर होती है जिसमें उमेश पाल की रिश्तेदार किशोरी घर के भीतर भागते नजर आती है।
ठीक 6 सेकंड बाद यानी 4:56:50 सेकंड पर वीडियो में उमेश पाल का गनर राघवेंद्र दिखाई देता है जो भागते हुए घर के भीतर आता है। वह घर के भीतर घुस पाता, इसके पहले ही 51 वें सेकंड में पीछे से बम से हमला किया जाता है और राघवेंद्र खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर जाता है।
इसके बाद चारों ओर धुआं फैल जाता है और फिर कुछ नजर नहीं आता। 5 सेकंड बाद 4:56:56 सेकेंड पर धुआं छटता है तो राघवेंद्र जमीन पर पड़ा तड़पता नजर आता है। इसी दौरान उमेश के घर के अगल-बगल रहने वाले कुछ लोग निकलते हैं और फिर घायल राघवेंद्र को उठाकर कमरे के भीतर ले जाते हैं। सीसीटीवी फुटेज से एक बात और सामने आई है कि उमेश पाल के गनर राघवेंद्र को बम सीधे नहीं लगा वरना उसके चीथड़े उड़ जाते।