UP : बिजलीकर्मी 29 मई से हड़ताल पर आमादा, संगठनों ने कहा- मगर उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं आने देंगे

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निजीकरण को लेकर बिजली अभियंताओं व अन्य कार्मिकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रविवार को विभिन्न संगठनों की बैठक में एकजुटता का संकल्प लिया गया। तय किया गया कि विरोध प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार जारी रखा जाएगा। पॉवर काॅर्पोरेशन प्रबंधन के साथ पूर्ण असहयोग रहेगा, लेकिन उपभोक्ताओं को दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। संगठनों ने आरोप लगाया कि काॅर्पोरेशन प्रबंधन उनके विरोध प्रदर्शन को हड़ताल में बदलने के लिए विवश कर रहा है, जबकि उन्होंने अभी हड़ताल का नोटिस नहीं दिया है।

राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ केंद्रीय कार्यकारिणी की रविवार को फील्ड हॉस्टल में हुई बैठक में तय किया गया कि 26 मई से कार्यालय समय के बाद विद्युत अभियंता प्रबंधन के साथ पूर्ण असहयोग करेंगे। इसके तहत किसी भी बैठक, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हिस्सा नहीं लेंगे, लेकिन उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने देंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि काॅर्पोरेशन प्रबंधन घाटे के भ्रामक आंकड़े प्रस्तुत कर और कार्मिकों में भय व दमन का वातावरण बनाकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। प्रबंधन की हर चाल का खुलासा किया जाएगा और किसी भी स्थिति में निजीकरण स्वीकार नहीं किया जाएगा। सेवा शर्तों के बारे में काॅर्पोरेशन प्रबंधन द्वारा दिए गए बयान को पूरी तरह से भ्रामक बताया गया।

तीनों विकल्पों को किया खारिज
संगठनों ने कहा कि तीनों विकल्प अभियंताओं की सेवा-शर्तें पूरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए संघ इन विकल्पों को खारिज करता है। इस दौरान उत्पादन निगम के अध्यक्ष को पत्र भेजकर निगम के जीएम (एचआर) एके सेठ पर दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उनके कृत्यों की जांच कराने और स्थानांतरण की मांग की गई।

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