एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अंबरीश श्रीवास्तव ने पूर्व कांग्रेसी विधायक व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को मानहानि के मामले में दोषी करार देते हुए एक साल की कैद और 10 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है। लल्लू को यह सजा पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की ओर से 16 दिसंबर 2019 को दाखिल मानहानी के केस में हुई है। लल्लू ने एक प्रेसवार्ता में तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा पर दाऊद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची की कंपनी को बिजली विभाग के खजाने से करोड़ों रुपये देने का आरोप लगाया था।
अजय कुमार लल्लू कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाजिर हुए, जहां से कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराकर हिरासत में लेकर सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा की अजय लल्लू ने पूर्व मंत्री श्रीकान्त शर्मा के लिए ऐसी झूठी बातें कही, जिससे उनकी साख को नुकसान पहुंचा। कोर्ट ने कहा की लोकतंत्र में सरकार के कार्यों की आलोचना व विरोध करना विपक्ष का अधिकार है। हालांकि विपक्ष के इस अधिकार और सत्ता पक्ष के व्यक्तिगत अधिकारों में एक पतली लाइन होती है, जिसे स्वस्थ लोकतंत्र के लिए संरक्षित किया जाना जरूरी है। राजनीतिक दलों के साथ ही जनता का भी हक है कि उसे सही सूचना मिले, जनता को गलत सूचना देना भारत के संप्रभु नागरिक को उसके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करने के समान है।
प्रोबेशन पर छोड़ने से जाएगा गलत संदेश
कोर्ट ने लल्लू को सजा की जगह परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर छोड़ने से इनकार करते हुए कहा कि दोषी प्रदेश कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष होने के साथ ही विधायक भी रह चुका है। सार्वजनिक जीवन में रहने वालों की भाषा और आचरण के संयम का स्तर सामान्य व्यक्ति से ज्यादा होने की अपेक्षा रहती है। लल्लू को परिवीक्षा पर छोड़ने से आमजन में गलत संदेश जाएगा। कोर्ट ने कहा की न्याय होना ही नहीं बल्कि होता हुआ भी दिखना चाहिए।