सहालग का सीजन और बारिश की मार ने इस बार सब्जियों के बाजार का पूरा समीकरण बिगाड़ दिया है। बढ़ी हुई मांग और कम उत्पादन के चलते फुटकर मंडियों में मौसमी व ऑफ-सीजन दोनों तरह की सब्जियों के दाम पिछले आठ-दस दिनों में डेढ़ गुना तक बढ़ चुके हैं।
इससे आम आदमी की थाली महंगी हो गई और बजट बिगड़ गया है। कारोबारियों का मानना है कि सहालग की वजह से उपभोग बढ़ा है, वहीं विशेषज्ञ बारिश के कारण बोआई न होने को असली वजह मानते हैं। निशातगंज, चौक और अन्य मंडियों में जो लौकी कुछ दिन पहले 30-40 रुपये किलो थी, वह अब 60 रुपये पहुंच गई है। कट्टू 50 और गाजर 60 रुपये किलो बिक रही है। बैंगन भी 60 रुपये किलो है। गोभी 25 रुपये प्रति पीस हो गई है।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला टमाटर और शिमला मिर्च 50-60 से बढ़कर 80 रुपये किलो पर पहुंच गया है। सब्जी व्यापारी जुम्मन बताते हैं कि सहालग में मांग बढ़ने से परवल 120 और मटर 160 रुपये किलो हो गई है। यहां तक कि मुफ्त मिलने वाली धनिया भी अब 200 रुपये किलो में अकड़ दिखा रही है। मोहल्लों और ठेलों पर तो यही सब्जियां 10-20 रुपये किलो और महंगी मिल रही हैं।

