यूपी विधान परिषद की दो सीटों के लिए जीत-हार मुकाबले से होगी। सपा प्रत्याशी उतारने के फैसले के बाद दोनों सीटों के लिए अलग-अलग सभी विधायक मतदान करेंगे, क्योंकि दोनों सीटों का नोटिफिकेशन अलग-अलग हुआ है। ऐसे में सत्ताधारी दल का पलड़ा भारी होना तय तो माना जा रहा है, पर जीत-हार का फैसला मतदान से ही होगा
भाजपा ने विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे से और बनवारी लाल दोहरे के निधन से रिक्त हुई दो सीटों के लिए अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। उसने मानवेंद्र सिंह और पदमसेन को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन सीटों पर अपने प्रत्याशी का नामांकन कराने के वक्त सपा को यह भी बताना होगा कि लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे से रिक्त सीट पर उसने किसे उतारा है और बनवारी लाल दोहरे के निधन से रिक्त सीट पर किसे प्रत्याशी बनाया है।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि उप चुनाव समानुपातिक मतों के आधार पर नहीं होता है, बल्कि इसमें निर्णय बहुमत के आधार पर होता है। यानी, जिस प्रत्याशी को ज्यादा वोट मिलेंगे, वही विजयी होगा। यहां बता दें कि विधानसभा में भाजपा गठबंधन के 274, सपा गठबंधन के 118 सदस्य हैं। जबकि, सुभासपा के छह, बसपा के एक, कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो-दो सदस्य हैं। इस चुनाव में यह भी दिलचस्प होगा कि सुभासपा, बसपा और कांग्रेस का क्या रुख रहता है, क्योंकि ये दल अपने प्रत्याशी उतारने की स्थिति में नहीं हैं।